खबरमध्य प्रदेश

सभी विभागों में एक साथ ई अटेंडेंस लागू करे सरकार

शिक्षकीय गरिमा के खिलाफ ई अटेंडेंस के विरोध में शिक्षकों का ज्ञापन 28 को सौंपा जाएगा
भोपाल – केवल शिक्षक संवर्ग हेतु ई अटेंडेंस व्यवस्था लागू करना समाज में ऐसा संदेश देता है कि शिक्षक कर्तव्य के प्रति लापरवाह और गैरजिम्मेदार है।राज्य शिक्षक संघ मध्यप्रदेश ने ऐसे कुप्रचार को फैलाने वाली ई अटेंडेंस व्यवस्था को सिर्फ शिक्षकों के लागू किए जाने को अन्यायपूर्ण बताया।संघ के प्रांताध्यक्ष जगदीश यादव ने जारी प्रेस नोट में कहा कि ऐसी व्यवस्था लागू करना सरकार का हक है पर इसे मध्यप्रदेश के समस्त विभागों के समस्त कर्मचारियों/अधिकारियों पर एक साथ लागू किया जाना चाहिए।संघ ने सरकार को चेताया कि गुरु परंपरा को खंडित करने वाली इस योजना में प्रदेश का शिक्षक संवर्ग तब तक शामिल नहीं होगा जब तक यह केवल उनके लिए है।
*रिजल्ट देख खूब तारीफ की,फिर अविश्वास क्यों* राज्य शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश यादव ने कहा कि विगत दिवस मध्य प्रदेश के 10वीं एवं 12वीं के वार्षिक परीक्षा परिणाम में सरकारी स्कूलों के बेहतर प्रदर्शन से उत्साहित मुख्यमंत्री जी ने शासकीय शिक्षकों एवं विद्यालयों की तारीफों के पुल बांधे थे और कुछ दिन गुजरते ही केवल उनके लिए ही अटेंडेंस योजना लागू करना शिक्षकों की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगता है ।संघ ने चेताया कि सरकार को समाज में गुरु के सम्मान के बने स्तर को खंडित करने वाले किसी भी कदम को उठाने से बचना चाहिए।सभी के लिए एकसाथ करें लागू -जगदीश यादव ने शिक्षा मंत्री को सौंपे ज्ञापन में कहा कि समूचा शिक्षक संवर्ग पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का पालन कर रहा है।उन्हें अटेंडेंस योजना में सहभागी होने में कहीं कोई आपत्ति नहीं है परंतु यदि यह योजना केवल शिक्षक संवर्ग के लिए लागू की जाएगी तो वे इसमें सहभागी नहीं होंगे।सरकार इसे समस्त विभागों में एक साथ लागू करें शिक्षक संवर्ग इसमें शत प्रतिशत सहयोग हेतु आगे आएगा। 28 जून को प्रदेश भर में ज्ञापन -राज्य शिक्षक संघ ने 28 जून को मध्य प्रदेश के समस्त विकासखंड स्तर पर ई अटेंडेंस योजना को प्रदेश के समस्त विभागों में एक साथ लागू करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने की घोषणा की है। संघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव से आग्रह किया है कि वह जब तक अन्य विभागों में ई अटेंडेंस योजना प्रारंभ नहीं हो सकती तब तक शिक्षा विभाग में इसे स्थगित किया जाए।

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