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HDFC Bank की लोन ग्रोथ में फिर दिखी रफ्तार, CEO बोले- FY27 में इंडस्ट्री से आगे निकलेंगे

HDFC Bank के एमडी और सीईओ शशिधर जगदीशन ने कहा है कि वित्त वर्ष 2025 (FY25) में क्रेडिट-डिपॉजिट (CD) रेशियो को कंट्रोल करने के लिए बैंक ने लोन ग्रोथ को थोड़ा स्लो किया था, लेकिन अब यह दोबारा ग्रोथ के मोड में आ गया है। उन्होंने कहा कि आगे लोन ग्रोथ में लगातार सुधार होगा, खासकर जैसे-जैसे ओवरऑल डिमांड बढ़ेगी। जगदीशन ने Q1FY26 की अर्निंग कॉल में बताया, “अभी हाल ही में खत्म हुए क्वार्टर (Q1FY26) में हमारे असेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) की ग्रोथ 8% तक पहुंच गई है। हमारे ग्रोथ इंजन्स पूरी तरह तैयार हैं और हमें भरोसा है कि FY26 में हमारी लोन ग्रोथ इंडस्ट्री के ग्रोथ रेट के बराबर होगी और FY27 में हम उससे आगे निकलेंगे।”

CD रेशियो कम करने के बाद दोबारा बढ़ी रफ्तार

उन्होंने कहा कि बीते साल बैंक को CD रेशियो तेजी से नीचे लाना पड़ा, इसलिए ग्रोथ स्लो हुई। लेकिन अब हालात सुधर रहे हैं। जगदीशन ने कहा, “Q1FY26 में हमने थोड़ा-बहुत मोमेंटम देखा है और आने वाले तीन क्वार्टर्स में इसमें सुधार जारी रहेगा।”

मार्जिन में उतार-चढ़ाव, लेकिन लंबे समय में स्टेबल

RBI द्वारा फरवरी से जून के बीच 100 बेसिस प्वाइंट की रीपो रेट कटौती का असर बैंक के नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) पर भी दिखा है। Q1FY26 में बैंक का NIM गिरकर 3.35% रह गया, जो कि पिछली तिमाही में 3.46% था। जगदीशन ने कहा कि बैंक की लायबिलिटी साइड ज्यादातर फिक्स्ड है, जबकि असेट साइड फ्लोटिंग है, इसलिए रेट कट का असर जल्दी दिखता है। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि यह मार्जिन आगे चलकर स्थिर हो जाएगा।

Q1FY26 का परफॉर्मेंस

  • बैंक का नेट प्रॉफिट 12.2% बढ़कर ₹18,155 करोड़ हुआ।

  • ग्रॉस एडवांसेज़ 6.7% बढ़कर ₹26.5 ट्रिलियन हुए।

  • एडवांसेज़ अंडर मैनेजमेंट 8.3% बढ़कर ₹27.42 ट्रिलियन तक पहुंचे।

  • हालांकि बैंक की लोन ग्रोथ अभी भी इंडस्ट्री की 9.5% ग्रोथ से पीछे है।

रूरल डिमांड से उम्मीदें, अर्बन कंजम्प्शन में थकावट

CEO ने कहा कि रूरल एरिया से हेल्दी डिमांड देखने को मिल रही है। वहीं, अर्बन प्रीमियम कंजम्प्शन में थोड़ी थकावट आई है, लेकिन फेस्टिव सीजन से डिमांड में उछाल आने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, “बजट में दिए गए फिस्कल बेनेफिट्स का असर अब लोगों को दिखने लगा है और फेस्टिव सीजन का पॉजिटिव सेंटिमेंट भी डिमांड को बूस्ट करेगा।”

MSME और कॉरपोरेट लोन की स्थिति

MSME सेगमेंट में भी अच्छी डिमांड दिख रही है, खासकर एक्सपोर्ट ओरिएंटेड MSMEs में। वहीं, बैंक का कॉरपोरेट लोन पोर्टफोलियो Q1 में केवल 1.7% ही बढ़ा। लेकिन बैंक चुनिंदा भरोसेमंद कॉरपोरेट्स के साथ वर्किंग कैपिटल की जरूरतें पूरी करने में हिस्सा ले रहा है।

होम लोन ग्रोथ पर दबाव

HDFC Ltd. के मर्जर के बाद बैंक के होम लोन पोर्टफोलियो की ग्रोथ FY26 की पहली तिमाही में केवल 7% रही। पब्लिक सेक्टर बैंकों से मिल रही कड़ी कॉम्पिटिशन इसकी वजह है। हालांकि जगदीशन को उम्मीद है कि फेस्टिव सीजन में इसमें सुधार होगा, खासकर जब बैंक प्रोसेसिंग कॉस्ट को भी ऑप्टिमाइज़ करने की कोशिश कर रहा है।

 

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