विश्व भरण पोषण कर जोई,ताकर नाम भरत अस होई:पं०सुशील महाराज।

(अंसन सहित मनुज अवतारा)
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पर चल रही श्री राम कथा एवं यज्ञ के चौथे दिवस कथा वाचक पंडित सुशील महाराज ने राम लक्ष्मण भरत शत्रुघन के नामकरण की गूढ कथा श्रोताओं को सुनाई। किस भाई के अंदर किस देवता का अंश विद्यमान था। पंडित सुशील महाराज ने बताया कि रामायण में स्पष्ट लिखा है कि विश्व भरण पोषण कर जोई ताकर नाम भारत अस होई।
पूरे विश्व के भरण पोषण करने की सामर्थ्य एकमात्र विष्णु भगवान में है । इसलिए भारत जी के अंदर श्री विष्णु भगवान का अंश आया। जाकर सुमिरन ते रिपु नाशा, नाम शत्रुघ्न वेद प्रकाश। शत्रुघ्न ने वेदों का प्रकाशन नहीं किया है। वेदों का प्रकाशन श्री ब्रह्मा जी के द्वारा किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि शत्रुघ्न के अंदर ब्रह्मा जी का अंश आया। और नाम लक्ष्णागार लक्ष्मण जी के अंदर भोले शिव का अंश आया । इस प्रकार से प्रभु श्री राम ने अंशो के साथ अवतार लिया था। रामायण ग्रंथ का समित के अध्यक्ष श्री देवेंद्र नाथ पाठक एवं संस्थापक श्री श्याम सुंदर सिंह तथा समिति के सचिव श्री अरविंद पाठक ने अरविंद पांण्डेय व अशोक पाण्डेय तथा मायाराम अटल ने विधिवत पूजन अर्चन किया ।