खबरमध्य प्रदेश

माता रमाई की 90वीं पूण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई

दि बुध्दिस्ट सोसायटी आफ इंडिया के अन्तर्गत प्रबुद्ध महिला मंडल व्दारा आज तुलसी नगर में स्थित करुणा बुध्द विहार में सायं 6.30 बजे डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी की धर्मपत्नी श्रीमती रमाबाई आबेडकर जी की 90 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उनका पूण्य स्मरण करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में उपस्थित प्रबुद्ध महिला मंडल की समस्त पदाधिकारियों के साथ साथ दि बुध्दिस्ट सोसायटी आफ इंडिया के पदाधिकारियों सदस्यों व्दारा तथागत भगवान गौतम बुद्ध, डॉ बाबासाहेब आंबेडकर एवं माता रमाबाई के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर पुष्प अर्पित किए गये तथा बुद्ध वंदना ली गई। इस अवसर पर प्रबुद्ध मंडल की गौतमी गोलाईत ने माता रमाबाई को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि माता रमाबाई का अकाल्पनीक त्याग के वजह से डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी शिक्षा के क्षेत्र में ऊंचाईयों को छू सके और देश की उन गरिब तथा बेसहारों का सहारा बनने मे कामयाब हो सके। इस अवसर पर महिला मंडल की कोषाध्यक्ष कविता गेडाम ने बोला कि वास्तव में माता रमाबाई का त्याग हम सभी महिलाओं के लिए बहुत बड़ी प्रेरणास्त्रोत है। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनिल मेश्राम ने कहा कि माता रमाबाई अशिक्षित होते हुए भी शिक्षा के महत्व को समझकर अपने पति का अत्यधिक आर्थिक विषम परिस्थितियों के बावजूद उनकी उच्च शिक्षा के लिए अपने बच्चों की परवाह न करते हुए उन्हें मदद पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, बल्की संकटों का डटकर मुकाबला करते हुए उन्हें कभी कोई दुखद खबर से अनजान रखा गया ताकि उनकी शिक्षा में किसी तरह का व्यवधान उत्पन्न नहीं हो सकें।
कार्यक्रम में माता रमाई को श्रध्दांजली अर्पित करते हुए दि बुद्धिस्ट सोसाइटी आफ इंडिया के ट्रस्टी एवं राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष इजि धम्मरतन सोमकुंवर ने कहा कि जिस प्रकार से डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी जैसा व्यक्तित्व इस धरा पर दोबारा जन्म लेना असंभव है, उसी प्रकार माता रमाबाई जैसी कत्तर्व्य परायणता मूरत का पुनः इस धरा पर जन्म लेना भी असंभव है। माता रमाई जैसा कठोर और वेदनाओं से भरा त्याग जो इन्सान की बूनियाद को हिलाकर रख देता है, ऐसी अनगिनत पीड़ाओं को सहते हुए डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी का उन्होंने साथ निभाया है। इस बात को स्वयं डा बाबासाहब ने भी स्वीकार किया है। यह हम सबके लिए विशेषकर महिलाओं के लिए माता रमाबाई की शिक्षाप्रद प्रेरणा है। इस अवसर पर आरपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डॉ मोहनलाल पाटिल जी ने भी माता रमाई जी जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि माता रमाई डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी के जीवन में नही आती, तो बाबासाहेब आंबेडकर इतनी ऊंचाईयों नहीं छू पाते। जब जब भी बाबासाहेब का नाम लिया जायेगा, तब तब माता रमाई को याद को याद किया जायेगा। कार्यक्रम को बीएसआई के उपाध्यक्ष वामन जंजाले, प्रदेश महासचिव चिंतामन पगारे, संयुक्त जयंती समारोह के अध्यक्ष रामू गजभिये, जिला अध्यक्ष मनोज माणिक, जी एस गवई ने भी संबोधित करते हुए अपने-अपने विचार रखकर माता रमाबाई की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके जीवन संघर्ष पर प्रकाश डाला जिससे कार्यक्रम में उपस्थित सभी उपासक एवं उपासिकाओं की आंख नम हुई। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन हर्षेश मेश्राम एवं संचालन अशोक पाटिल व्दारा किया गया।
कार्यक्रम के अंत में दो मिनट का मौन धारण करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर प्रबुद्ध महिला मंडल की महासचिव कल्पना माणिक, योजना मेश्राम, गिरिष्मा लोनारे, सुनंदा मेश्राम, प्रमिला वासे, रंजना गजभिये, राजू गेडाम, जगदिश गजभिये, अशोक गेडाम,के साथ साथ विभिन्न विहारों के विहार प्रमुख, उपासक उपासिकाए और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

 

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