लखनऊ, 4 दिसंबर 2024: होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) ने अपने नए डिजिटल रोड सेफ्टी लर्निंग प्लेटफॉर्म “ई-गुरुकुल” को लॉन्च किया है। यह मंच सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने और इसे हमारे समाज में एक स्थायी संस्कृति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कार्यक्रम में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, माननीय श्री नितिन गडकरी की गरिमामयी उपस्थिति ने इसे और भी खास बना दिया।इस मौके पर होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। इनमें श्री विनय धींगरा (सीनियर डायरेक्टर- एचआर एंड एडमिनिस्ट्रेशन; ट्रस्टी, होंडा इंडिया फाउंडेशन) और श्री कात्सुयुकी ओजावा (डायरेक्टर- एचआर एंड एडमिनिस्ट्रेशन) सहित अन्य प्रमुख अधिकारी शामिल थे। कार्यक्रम में राज्य सरकार के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया, जिससे यह आयोजन और प्रभावशाली बन गया।ई-गुरुकुल प्लेटफॉर्म तीन खास आयु वर्गों के लिये तैयार किए गए प्रशिक्षण मॉड्यूल्स प्रदान करता है, ताकि सड़क सुरक्षा शिक्षा के प्रति एक व्यापक दृष्टिकोण सुनिश्चित किया जा सके:
1. 5-8 वर्ष के लिये : 7 मिनट का मॉड्यूल
2. 9-15 वर्ष के लिये : 9 मिनट का मॉड्यूल
3. 16-18 वर्ष के लिये : 7 मिनट का मॉड्यूल
ई-गुरुकुल प्लेटफॉर्म को सभी के लिए सुलभ और उपयोगी बनाने के लिए इसे कन्नड़, मलयालम, हिंदी, तेलुगु, तमिल और अंग्रेजी जैसी कई भाषाओं में उपलब्ध कराया गया है। इससे यह क्षेत्रीय जरूरतों के हिसाब से प्रासंगिक बनता है और इसे सभी उम्र और स्थान के लोग आसानी से समझ सकते हैं। ई-गुरुकुल को ऑनलाइन एक्सेस करने के लिए egurukul.honda.hmsi.in पर जाया जा सकता है। यह प्लेटफॉर्म अलग-अलग शहरों और क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई सुविधाएं प्रदान करता है। टियर-1 शहरों के लिए लाइव स्ट्रीमिंग का विकल्प है, जबकि टियर-2 शहरों के लिए डाउनलोड करने योग्य कंटेंट उपलब्ध है। इसके बहुभाषी मॉड्यूल से यह सुनिश्चित किया गया है कि सड़क सुरक्षा से जुड़ी यह पहल हर किसी तक पहुंच सके।
इस पहल पर प्रतिक्रिया देते हुए, होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया के सीनियर डायरेक्टर-एचआर एंड एडमिनिस्ट्रेशन और होंडा इंडिया फाउंडेशन के ट्रस्टी, श्री विनय ढींगरा ने कहा, “सड़क सुरक्षा हमेशा से एचएमएसआई की सीएसआर रणनीति का अहम हिस्सा रही है। ई-गुरुकुल के जरिए, हम सड़क सुरक्षा शिक्षा को आसानी से सुलभ बनाना चाहते हैं, जो खास तौर से बच्चों के लिए तैयार किए गए हैं। हमारा उद्देश्य छोटी उम्र से ही सड़क सुरक्षा के प्रति एक सकारात्मक सोच विकसित करना है। ये बच्चे न केवल जिम्मेदार सड़क उपयोगकर्ता बनेंगे, बल्कि अपने परिवार और समुदाय को भी प्रेरित करेंगे कि वे भी सड़क पर सुरक्षित रहें। यह पहल होंडा के 2050 के लक्ष्य ‘सड़क दुर्घटनाओं में किसी की मृत्यु न हो’ की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
ई-गुरुकुल का उद्देश्य बच्चों, शिक्षकों और होंडा के डीलर्स को सुरक्षित सड़क व्यवहार सिखाना और इसे अपनाने के लिए प्रेरित करना है। यह पहल स्कूलों और समुदायों तक पहुंचकर विभिन्न आयु वर्ग के लिए सड़क सुरक्षा शिक्षा को बढ़ावा देगी। जो स्कूल इस कार्यक्रम का हिस्सा बनना चाहते हैं, वे Safety.riding@honda.hmsi.in पर संपर्क कर सकते हैं।
सड़क सुरक्षा की दिशा में होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया की सीएसआर प्रतिबद्धता :
होंडा ने 2021 में 2050 के लिए एक खास विज़न पेश किया, जिसका उद्देश्य है यातायात दुर्घटनाओं में शून्य मृत्यु दर हासिल करना। भारत में, होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) इस लक्ष्य को हासिल करने के साथ-साथ भारत सरकार के 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में मौतों को आधा करने के लक्ष्य पर काम कर रही है।
इस दिशा में एक बड़ा कदम है बच्चों में सड़क सुरक्षा के प्रति सकारात्मक सोच को विकसित करना और इसे उनकी शिक्षा का स्थायी हिस्सा बनाना। स्कूलों और कॉलेजों में सड़क सुरक्षा शिक्षा का मकसद सिर्फ जागरूकता बढ़ाना नहीं, बल्कि युवाओं के दिलों और दिमागों में सड़क सुरक्षा की संस्कृति को गहराई से स्थापित करना है। यह पहल बच्चों और युवाओं को सड़क सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी सिखाने और उन्हें इसके राजदूत बनने के लिए प्रेरित करती है। इसका असर न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा पर होगा, बल्कि वे एक सुरक्षित और जिम्मेदार समाज के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
एचएमएसआई का सपना है कि वह ऐसी कंपनी बने जिसे समाज अपनी जरूरत समझे। इसके लिए कंपनी सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और लोगों में जागरूकता फैलाने पर खास ध्यान दे रही है। स्कूल के बच्चों से लेकर बड़े कॉरपोरेट्स और आम जनता तक, एचएमएसआई अपने अनूठे विचारों और पहल के जरिए सभी को सुरक्षा का महत्व समझा रही है।
कंपनी के कुशल सुरक्षा प्रशिक्षकों की टीम देशभर में मौजूद 10 ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क्स (टीटीपी) और 6 सेफ्टी ड्राइविंग एजुकेशन सेंटर्स (एसडीईसी) में नियमित कार्यक्रम आयोजित करती है। यह पहल समाज के हर वर्ग तक सड़क सुरक्षा का संदेश पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। अब तक 85 लाख से ज्यादा भारतीय इस पहल का हिस्सा बन चुके हैं और इससे लाभान्वित हो रहे हैं।