शनि की वक्र दृष्टि से बचना है तो यज्ञ आहुति दीजिए

भोपाल। नेहरू नगर स्थित प्राचीन नवग्रह मंदिर में चल रहे 121 कुंडीय अखंड शनि महायज्ञ में जातकों की भीड़ उमड़ रही है। यज्ञाचार्य पंडित गजेंद्र शास्त्री का कहना है कि शनि की वक्र दृष्टि से बचना है तो यज्ञ आहुति दीजिए। उन्होंने शनि कथा के विभिन्न प्रसंगों को लेकर शनि ग्रह को न्याय का देवता निरूपित किया। महाराज वैभव भटेले ने भगवान श्रीराम के प्राकट्य की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि धरती पर निराकार परमात्मा को साकार करना है तो अपने हृदय को सदगुणों से लबालब कीजिए। तभी भगवान का अवतार संभव है। भगवान जब भी अवतार लेते हैं धरती पर धर्म की स्थापना करने के लिए ही लेते हैं। जिसमें हमारे हृदय की पवित्रता जरूरी है। पंडित जितेंद्र वैष्णव ने श्रीमद्भागवत कथा का वाचन करते हुए भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं का वर्णन किया। शनि महायज्ञ में सभी 121 कुंड प्रज्वलित है और श्रद्धालुगण पूरे श्रद्धा भाव से आहुतियाँ दे रहे हैं। ॐ शम शनैश्चराय नमः मंत्र का निरंतर जप जारी है। इस धार्मिक अनुष्ठान में ओम प्रकाश मिश्रा मोना ठाकुर सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु धर्मलाभ ले रहे हैं।