पंच कल्यानक महोत्सव मेँ मुनि श्री प्रमाणसागर जी महाराज ने आदिकुमार आदि को मन्त्रोंच्चारण के साथ दीक्षा प्रदान की

भोपाल / गुनायतन प्रणेता मुनि श्री प्रमाणसागर जी महाराज ससंघ सानिध्य मेँ आज पंच कल्याणक महोत्सव मेँ सभी प्रतिमाओं को जो राजकुमार के रूप मेँ थीं उनके वस्त्र उतारकर पूर्ण विधि विधान के साथ मुनि दीक्षा प्रदान की, मूलनायक भगवान महावीर स्वामी के जयकार से पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान हो गया,,, इससे पूर्व कार्यक्रम स्थल पर भगवान की पालकी निकाली गयी और पूज्य मुनि श्री ने दीक्षा कल्याणक पर विशेष प्रवचन भी दिए.. पूज्य मुनि श्री निर्वेग सागर जी महाराज, मुनि श्री सन्धान सागर जी महाराज ने भी मंगल प्रवचन दिए कार्यक्रम का निर्देशन प्रतिष्टाचार्य अभय भैय्या ने किया.. शाम को विश्व प्रसिद्ध शंका समाधान का कार्यक्रम हुआ जिसमे राजीव जैन राज ने गुनायत्न का संरक्षक सदस्य बनने की घोषणा की उनका स्वागत किया गया..भावना योग को जिनियस वर्ल्ड रिकॉर्ड के अवार्ड से नवाज़ा गया, डॉक्टर अंकुर सिंघई ने ये अवार्ड प्रदान किया.. शंका समाधान मेँ सुरेन्द्र मालथन सागर ने पुछा कि आचार्य श्री के समाधि दिवस पर ये जिज्ञासा है कि गुरुदेव कैसे पूरा संघ सँभालते थे,,,, मुनि श्री — करता भाव से मुक्त थे गुरुदेव इसलिए बो संचालन नहीं करते थे अपितु कहते थे मेँ आपको बाँधने बाला कौन हूँ सब स्वतंत्र हैँ, गुरुदेव ने जो बीजारोपण किये है बो स्वयं फलिभूत होंगे… अगला प्रश्न — जैन धर्म एक ऋषि धर्म है जो सबको समन्वय करके चलता है, उस पर प्रकाश डालें,, मुनि श्री — जैन अचार्यों ने हमेशा समन्वयवाद किया है, जिनके वचन युक्ति युक्त हैँ सब स्वीकार हैँ, जो हमारे धर्म स्थल पर कब्जे कि नीयत रखते हैँ उनसे कहना है आप अपनी परंपराओं का पालन करें, गलत कार्य न करें, जो अहिंसा के साथ आराधना करते हैँ उनकी आराधना सफल होती है, उन्माद और विवाद से दूर रहें… प्रश्न — प्राचीन संस्कृति को संरक्षित कैसे करें,, मुनि श्री — पुराने मंदिर का जीर्णोद्धाधार जरुरी है परन्तु परंपरा को आगे बढ़ाने पर भविष्य की पीढ़ी को मार्गदर्शन मिलेगा,,, इसलिए नव निर्माण भी जरुरी है,, राजीव जैन का प्रश्न — गुनायत्न का भविष्य की पीढ़ी पर क्या प्रभाव होगा,,, मुनि श्री — गुनायत्न से जीवन का ट्रांसफ़ार्मर होगा, उनको विशुद्धि के मार्ग पर बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी, आत्मओन्नति का मार्ग मिलेगा, नबीन पीढ़ी को जैन धर्म को नवीन तरीके से जानने का मौका मिलेगा, संजय मलेय्या का प्रश्न — आपके आशीष से मुझे पुलिस बिभाग मेँ बड़े सम्मान मिला आगे भी मिले,,,,, मुनि श्री ने कहा जो कर्त्तव्यओं का पालन ईमानदारी से करते है उन्हें स्वयं सम्मान मिलता है,,,,,, अनिल जैन rbi का प्रश्न — नई पीढ़ी धर्म कैसे करें ,,,, मुनि श्री — हम जो पुराने धर्मी हैँ बो प्रेरणा के पुंज बनें, युवा पीढ़ी उनके अनुशरण को अपनाएगी और धर्म सतत चलता रहेगा, हमारे संस्कार ही उनके जीवन का उपहार बनेंगे..माँ संस्कारों का खान होती है बच्चों के लिए वरदान होती है,, नई पीढ़ी के लिए हम अच्छे मूल्यों की स्थापना करें धर्म स्थापित रहेगा,,,, सोनल शास्त्री का प्रश्न — दीक्षा के समय अक्षर अंक न्यास का क्या प्रभाव होता है,,, मुनि श्री — मूर्ति को भगवान बनाने के लिए साधक की साधना मायने रखती है मन्त्र मायने रखते हैँ, उनका रोम रोम साधना मय हो जाये इसलिए उनको मन्त्रोंचारित किया जाता है, मूर्ति मेँ दिव्यता और भव्यता आती है,,,, जस्टिस अभय गोहिल का प्रश्न — मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज की प्रेरणा से जैन समाज की एकता की पहल है, पंचकल्यानक मेँ गुरु मन्त्र केवल मुनि ही दें सकते हैँ मुनि श्री — विपरीत परिस्थिति मेँ प्रतिष्ठा चार्य भी पूर्ण विधि विधान से सूर्य मंत्र दें सकते हैँ,.. डॉक्टर पंकज प्रधान भोपाल.