श्रमिक संगठनों ने देश में उत्पन्न हालातों को देखते हुए 20 मई की हड़ताल स्थगित की
आगामी 09 जुलाई 2025 को होगी राष्ट्रव्यापी हड़ताल
दिनांक: 16 मई। देशभर की दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों- सीटू, इंटक, एटक, एचएमएस, एआईयूटीयूसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, टीयूसीसी, एलपीएफ, यूटीयूसी तथा केन्द्रीय कर्मचारी, राज्य कर्मचारी, बैंक, बीमा, बीएसएनएल, रेलवे, कोयला, स्टील, तेल, रक्षा उत्पादन, गोदी-बंदरगाह, बीएचईएल, बीईएमएल आदि के 100 से अधिक स्वतंत्र फेडरेशनों/एसोसिएशनों के संयुक्त मंच ने 20 मई को प्रस्तावित देशव्यापी आम हड़ताल की तारीख को आगे बढ़ाकर अब 09 जुलाई 2025 को करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई, के बाद देश में उत्पन्न हालातों को देखते हुए ट्रेड यूनियनों ने राष्ट्रहित में जिम्मेदार नागरिक होने के दायित्व निर्वहन करते हुए लिया है। सेन्टर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स(सीटू) की मध्यप्रदेश राज्य समिति ने एक विज्ञप्ति के जरिए यह जानकारी देते हुए समूचे प्रदेश में हड़ताल की तैयारी को जारी रखने और 09 जुलाई 2025 को होने वाली देशव्यापी आम हड़ताल को ऐतिहासिक बनाने का आह्वान किया है।
ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने सरकार से अपील की है कि वह इस संवेदनशील समय में देश के भीतर नफरत फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए। इस संवेदनशील दौर में देशभर के मेहनतकशों द्वारा आतंकवाद और नफरत की राजनीति के खिलाफ दिखाई गई एकता की सराहना की गई।
*हड़ताल स्थगित लेकिन संघर्ष जारी*
सेन्टर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स(सीटू) ने कहा है कि हड़ताल की तारीख को आगे बढ़ाया गया है, लेकिन श्रमिक वर्ग के अधिकारों की लड़ाई पूरी ताकत से जारी रहेगी। 09 जुलाई 2025 को देशव्यापी आम हड़ताल के पूर्व सघन अभियान चलाया जाएगा। 20 मई को देशभर में राजधानी, जिलों, औद्योगिक क्षेत्रों और कार्यस्थलों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन और रैलियों का आयोजन किया जाएगा। मध्य प्रदेश में भी सभी प्रमुख केंद्रों व औद्योगिक क्षेत्रों, खदानों के मुहाड़ों, दफ्तरों के सामने इस दिन विरोध कार्रवाई की जाएगी।
*सरकार और पूंजीपतियों द्वारा श्रमिकों पर हमले और उत्पीड़न जारी*
सीटू ने विज्ञप्ति में बताया कि ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने केंद्र और कई राज्य सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि आतंकवादी हमले जैसी राष्ट्रीय त्रासदी के बीच भी श्रमिकों पर हमले और उत्पीड़न बंद नहीं किए गए है। काम के घंटे जबरन बढ़ाए जा रहे हैं, न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन हो रहा है,कॉन्ट्रैक्ट मजदूरों की बेरहमी से छंटनी की जा रही है। यह सब काली श्रम संहिताओं को पिछले दरवाजे से लागू करने की साजिश का हिस्सा है। ट्रेड यूनियनों ने आरोप लगाया कि तमाम अनुरोधों के बावजूद मोदी सरकार ने भारतीय श्रम सम्मेलन बुलाने या संवाद की पहल नहीं की, और उल्टे मजदूर विरोधी नीतियों को तेज़ी से लागू कर रही है।
ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने देश के सभी मजदूर संगठनों, कर्मचारियों और किसानों से अपील की है कि वे हड़ताल की तैयारी को जारी रखें और 09 जुलाई 2025 को होने वाली देशव्यापी आम हड़ताल को ऐतिहासिक बनाएं। साथ ही सरकार से मांग की है कि वह ट्रेड यूनियन आंदोलन की सकारात्मक भूमिका को समझे और श्रमिकों की न्यायसंगत मांगों पर कोई भी एकतरफा और उकसाने वाला कदम न उठाए।
सीटू ने बताया कि इस हड़ताल की 18 सूत्रीय मांगों में श्रम संहिताओं को वापस लेना, न्यूनतम वेतन रू 26000 प्रतिमाह व न्यूनतम पेंशन रू 10000 सुनिश्चित करना, श्रमिकों और किसानों की मूलभूत मांगों की पूर्ति, सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण पर रोक लगाने, नई पेंशन योजना निरस्त कर सभी को पुरानी पेंशन के दायरे में लाना, आउटसोर्सिंग, संविदा, ठेका आदि पर रोक लगाकर स्थाई काम पर स्थाई भर्ती करने, कार्यस्थलों पर सुरक्षा, वेतन और अधिकारों की रक्षा, मध्यप्रदेश में एरियर सहित न्यूनतम वेतन वृद्धि का लाभ देने आदि शामिल है।
*प्रमोद प्रधान*
महासचिव सीटू
*मो 9425010922,8827010922*