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भारत टैरिफ खत्म करने के लिए राजी; मेरे अलावा किसी के लिए ऐसा प्रस्ताव नहीं

कार्नी के साथ बैठक में ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार में अपना टैरिफ खत्म करने के लिए राजी हो गया है। ट्रंप ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों में एक है लेकिन उन्होंने दुनिया में मेरे अलावा और किसी के लिए पहले ऐसा प्रस्ताव नहीं रखा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका ये बयान कनाडा के पीएम मार्क कॉर्नी के साथ व्हाइट हाउस में वार्ता के दौरान आया। व्हाइट हाउस में मार्क कार्नी के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा कि हम अब कुछ अंक घटाने जा रहे हैं और उनसे यह कहने जा रहे हैं कि हमारा देश उनके साथ व्यापार के लिए खुला है। हालांकि ट्रंप ने उन वस्तुओं या उत्पाद क्षेत्रों के बारे में जानकारी नहीं दी, जिन पर टैरिफ शून्य किया जाएगा।

शून्य टैरिफ के प्रस्ताव को लेकर आई थी रिपोर्ट
ट्रंप के इस बयान से पहले एक ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट भी आई थी, जिसमें इस तरह का दावा किया गया था। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत ने व्यापार वार्ता में अमेरिका के समक्ष इस्पात, ऑटो पार्ट्स व दवाओं पर दोनों देशों में शून्य टैरिफ का प्रस्ताव रखा है। भारत का प्रस्ताव है कि उत्पादों की एक निश्चित मात्रा और पारस्परिक आधार पर इस टैरिफ व्यवस्था को अपनाया जा सकता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने वाशिंगटन में हुई बातचीत में भारतीय अधिकारियों ने यह प्रस्ताव रखा। इसके तहत एक तय सीमा तक वस्तुओं पर कोई आयात शुल्क नहीं लगेगा। आयात तय सीमा से ज्यादा होता है, तो सामान्य दरों पर शुल्क लागू होगा। यह प्रस्ताव साल के अंत तक द्विपक्षीय व्यापार समझौते को पूरा करने की रणनीति का हिस्सा है।

वित्त मंत्री बेसेंट बोले- इसी सप्ताह होंगे कुछ समझौते
वहीं, अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने मंगलवार को दावा किया अमेरिकी इसी सप्ताह अपने कुछ बड़े कारोबारी साझेदारों के साथ व्यापार समझौते का एलान कर देगा। बेसेंट ने कहा कि हालांकि इन देशों में चीन शामिल नहीं है। उन्होंने यह खुलासा भी नहीं किया कि इसमें भारत शामिल है या नहीं। बेसेंट ने कहा, हमारे कई साझेदारों ने हमें बेहतर प्रस्ताव दिए हैं और ट्रंप प्रशासन के अधिकारी उनके साथ समझौते के लिए बातचीत कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि हम अभी जितने टैरिफ का भुगतान कर रहे हैं उसमें भारी कमी आएगी। इसके अलावा हम मौद्रिक जोड़-तोड़, सब्सिडी, श्रम और पूंजीगत निवेश संबंधी गैर टैरिफ बाधाओं को भी दूर करने जा रहे हैं। बेसेंट ने अमेरिकी सदन की एप्रोप्रिएशन कमेटी को यह जानकारी दी। स्कॉट बेसेंट ने मंगलवार को भले ही भारत का नाम न लिया हो लेकिन पिछले दिनों वह एक से अधिक बार यह कह चुके हैं भारत अमेरिका से नया व्यापार समझौता करने वाले पहले देशों में होगा। इससे उम्मीद लगाई जा रही है कि दोनों देशों के बीच समझौता जल्द होगा और टैरिफ के कारण द्विपक्षीय व्यापार पर छाए संकट के बादल छंट जाएंगे।

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