खबरमध्य प्रदेश

वन्य जीव संरक्षण और वन विभाग से संबंधित रोजगार की दी जानकारी 

प्राणिशास्त्र विभाग द्वारा वन्यजीव सप्ताह मनाया गया 

भोपाल।  नूतन महाविद्यालय में 9 अक्टूबर को प्राणीशास्त्र विभाग द्वारा वन्यजीव सप्ताह के समापन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि सेवानिवृत उपसंचालक वन विहार डॉ. सुदेश वाघमारे रहे। उन्होने वन्य संरक्षण एवं वन विभाग से संबंधित रोजगार के अवसरों की जानकारी दी। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. दीप्ति श्रीवास्तव ने सोशल फोरेस्ट्री एवं भौतिक संसाधनों के बढ़ने के कारण विलुप्त होते वन्य प्राणियों के संबंध में चिंता जाहिर की एवं उनके संरक्षण के लिये अपील की। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ. मुकेश दीक्षित एवं संकाय की अधिष्ठाता डॉ. रजनी श्रीवास्तव ने वन्य जीव एवं प्रकृति संरक्षण के लिये छात्राओं को प्रेरित किया। कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा वन विहार में आयोजित राज्य स्तरीय वन्यजीव प्राणी सप्ताह में प्रस्तुति देने वाली छात्राओं को सम्मानित किया गया। इस वर्ष राज्य स्तरीय वन्यजीव सप्ताह समारोह, वन विहार में आयोजित वाद विवाद प्रतियोगिता के विपक्ष में  प्रतीक्षा मार्को ने प्रथम स्थान एवं पक्ष में दिशा शर्मा ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। फेस पेंटिंग प्रतियोगिता में रूचि जैन ने प्रथम स्थान प्राप्त किया इसके अतिरिक्ति छात्राओं ने वन विहार द्वारा आयोजित चित्रकला, रन फॉर वाइल्ड लाईफ एवं वन्यजीव संरक्षण संबंधी वर्कशॉप में अपनी सहभागिता दी। महाविद्यालय स्तर पर इस अवसर पर कविता लेखन, रंगोली, फेस पेंटिंग, पाम पेंटिंग का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कविता लेखन के निर्णायक डॉ. रेखा श्रीवास्तव, डॉ. प्रज्ञा रावत एवं डॉ. कीर्ति शर्मा रहीं। निर्णायकों द्वारा छात्राओं को कविता लेखन के आवश्यक तत्वों को बतलाया गया। इस अवसर विभिन्न प्रतियोगिताओं की विजयी छात्राओं को प्रमाण पत्र दिया गया। इस अवसर पर छात्राओं द्वारा कविता पाठ एवं वन्य जीव संरक्षण पर लघु नाटिका भी प्रस्तुत की गई। वन विहार एवं महाविद्यालयीन स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों का विडियो प्रस्तुतीकरण भी हुआ जिसका संयोजन शिवानी मीना ने किया। कार्यक्रम का संचालन ज़ूओलॉजिकल एसोसिएशन की कोषाध्यक्ष सुश्री अमिया पांडे एवं आभार प्रदर्शन एसोसिएशन की अध्यक्ष  स्नवी पटेल ने किया। कार्यक्रम में प्राणीशास्त्र विभाग के समस्त सदस्य एवं महाविद्यालय के सभी वरिष्ठ प्राध्यापक, पूर्व छात्राएं, शोध छात्राएं एवं बड़ी संख्या में महाविद्यालयीन छात्राएं उपस्थित रहीं।

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