एजुकेशनमध्य प्रदेश

एलएनसीटी के अंतर्राष्ट्रीय छात्रों ने ग्रामीण भारत का अनुभव लिया

भोपाल। विश्व छात्र एवं युवा संगठन (WOSY) के भोपाल चैप्टर द्वारा आयोजित सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम “भारत अनफिल्टर्ड: गांवों से विश्व तक” में 20 देशों के 30 अंतरराष्ट्रीय छात्रों ने मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के हसुआ गांव में ग्रामीण भारत की जीवनशैली को नजदीक से महसूस किया। ये सभी छात्र फिलहाल LNCT विश्वविद्यालय, भोपाल में अध्ययनरत हैं। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक ढोल-नगाड़ों, आतिशबाजी और पगड़ी बांधने की रस्म के साथ हुई, जहां ग्रामीणों ने विदेशी छात्रों का गर्मजोशी से स्वागत किया। छात्रों ने गांव के घरों में जाकर भारतीय मेहमाननवाज़ी का अनुभव लिया और देसी भोजन का स्वाद चखा।

पिठ्ठू खेल में दिखा गांव और दुनिया का मेल
गांव के बच्चों ने विदेशी मेहमानों को पारंपरिक खेल ‘पिठ्ठू’ खेलने का आमंत्रण दिया, जिसे छात्रों ने पूरे उत्साह के साथ अपनाया। यह दृश्य सांस्कृतिक समावेशिता का जीवंत उदाहरण बना। इस अवसर पर एलएनसीटी विदेशी एडमिशन सेल के प्रभारी दमनप्रीत सिंह WOSY के महासचिव शुभम गोयल और ABVP की राष्ट्रीय सचिव शालिनी वर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहीं। अतिथियों ने इस आयोजन को “भारतीय मूल्यों और वैश्विक युवा संवाद को जोड़ने वाली प्रभावशाली पहल” बताया। इस अवसर पर एलएनसीटी ग्रुफ के सचिव डॉ अनुपम चौकसे एवं WOSY मध्य भारत के राज्य संयोजक अनुज सिंह ने कहा,की “इस पहल का उद्देश्य था कि विदेशी छात्र भारत को उसकी असली, अनफ़िल्टर्ड तस्वीर में देखें और समझें। गांव वालों और छात्रों का उत्साह यह दर्शाता है कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान से वैश्विक सद्भाव कितना गहरा हो सकता है।”कार्यक्रम का समापन विदेशी छात्रों के आभार और ग्रामीणों की आत्मीयता भरी विदाई के साथ हुआ। सभी छात्रों ने इस अनुभव को “जीवनभर याद रहने वाला” बताया, जबकि ग्रामीणों ने अंतरराष्ट्रीय मेहमानों की मेजबानी को गर्व और सम्मान की बात मानी।

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