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ईरान के परमाणु टेस्ट की संभावना से  इजरायल की बढ़ी टेंशन, न्यूक्लियर साइट पर हमला नहीं करेंगे नेतन्याहू

ईरान ने हाल ही में इजरायल के खिलाफ मिसाइल स्ट्राइक की थी। इसके जवाब में इजरायल के पास ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने का मौका है, लेकिन वह ऐसा नहीं करेगा। इसकी जगह इजरायल ईरान के विभिन्न सैन्य ठिकानों पर बम बरसाएगा। न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) में इससे जुड़ी रिपोर्ट सामने आई है। अमेरिका भी लगातार इजरायल से कहता रहा है कि वह ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला न करे। इजरायली अधिकारी सार्वजनिक रूप से कहते रहे हैं कि वह हमले का बदला लेंगे। उनका कहना है कि इस बार का बदला अप्रैल में किए गए जवाबी हमले से भी घातक होगा। तब ईरान का एस-300 मिसाइल डिफेंस सिस्टम तबाह हो गया था।परमाणु साइटों पर हमला न करने की रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब 5 अक्टूबर को ईरान में 4.4 रेक्टर के भूकंप के झटके महसूस हुए। भूकंप का केंद्र 12 किमी की गहराई में था। इसके बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि क्या ईरान ने न्यूक्लियर टेस्ट किया है। हालांकि किसी भी एक्सपर्ट ने इसकी कोई पुष्टि नहीं की है। NYT की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल न्यूक्लियर साइट पर हमले की जगह सैन्य ठिकानों या सीक्रेट साइटों पर हमला करेगा। लेकिन अगर इसके बाद ईरान जवाब देता है तो परमाणु प्रोग्राम के खिलाफ भी एक्शन हो सकता है।
NYT की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व और वर्तमान वरिष्ठ इजरायली अधिकारियों ने माना कि इजरायल ईरान के परमाणु प्रोग्राम को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन इस बात को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या इजरायल का हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बाधित करने के लिए पर्याप्त होगा। या फिर इसकी जगह ईरान अलर्ट हो जाएगा और परमाणु हथियार बनाने में तेजी लाएगा। बताया जा रहा है कि ईरान की परमाणु फैसिलिटी पर हमला करना 50 वर्षों में एक बार आने वाला मौका हो सकता है। लेकिन यह इजरायल के युद्ध का लक्ष्य नहीं है।
ईरान से युद्ध लड़ेगा इजरायल?
पिछले साल युद्ध में उतरे इजरायल का लक्ष्य हमास को हराना और उत्तरी इजरायली लोगों को लेबनान की सीमा के पास वापस भेजना है। इजरायल नहीं चाहेगा कि वह इसकी जगह एक क्षेत्रीय युद्ध में कूद जाए और वह भी ईरान के साथ। इजरायली सुरक्षा कैबिनेट, सेना, अमेरिका और पश्चिम के देश चिंतित हैं कि अगर इजरायल ईरान की परमाणु फैसिलिटी पर हमला करता है तो इस कारण ईरान के साथ एक बड़ा युद्ध शुरू हो जाएगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इजरायल के लिए जरूरी है वह हमास और हिजबुल्लाह पर फोकस करे और अपनी स्थिति मजबूत करे।

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