खबरमध्य प्रदेश

वंचितों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना जरूरी

रिटायर पूर्व आईएएस बाथम ने साझा किए सेवाकाल के यादगार प्रसंग


भोपाल। मध्य प्रदेश के रिटायर पूर्व आईएएस वीरेंद्र कुमार बाथम ने अपनी फील्ड में पदस्थापना समय के रोचक और भावनात्मक प्रसंग बताए हैं। अपने इस अनुभव के आधार पर उन्होंने इस बात पर भी जोड़ दिया कि समाज को शिक्षित करने की बहुत जरूरत है। बेसहारों की मदद के लिए भी लोगों को दिल खोलकर आगे आना चाहिए।
श्री बाथम के अनुसार विचित्र किन्तु सत्य कथा है।
उन दिनों की बात है। जब मैं कमिश्नर के पद पर नर्मदापुरम में पदस्थ था। रविवार का दिन था। कुछ मेहमान आए हुए थे। उन्होने मढ़ई धूमने के लिए कहा, मढ़ई सतपुड़ा अंचल का प्रसिद्ध टाईगर रिजर्व हैं। तवा और देनवा नदिया बहती है। यह होशंगाबाद से पचमढ़ी के बीच में स्थित है। हम लोग जैसे ही मढ़ई की सीमा में प्रवेश किए ही थे तब हमारे सामने पानी से भरे गड्डे के समीप एक महिला को देखा उसके सर के बाल कटे थे और वह पूरी तरह निर्वस्त्र बैठी हुई गंदा पानी पीने की कोशिश कर रही थी। यह दृश्य देख कर मेरे साथ बैठी महिलाओं ने कहा अरे वह पागल होगी किसी ने कुछ कहा लेकिन मैंने मानवीयता के नाते उसके लिए वस्त्र की व्यवस्था की, उसे जब पीने के लिए बॉटल में पानी दिया तो उसने उसे जिस ढंग से पिया उससे मुझे लगा कि वह पागल नहीं हैं फिर उसकी आंखों में छिपा दर्द बाहर आया क्योंकि वह बोलना जानती थी लेकिन बोल नही रहीं थी । मैने उसे वृद्धाश्रम में उसके स्वस्थ्य होने तक रहने की व्यवस्था करवा दी। कुछ दिन बाद मे पता चला कि वह झारखंड की रहने वाली थी जिसको गांव वालो ने डायन करार दिया था इस कारण उसका पति और बेटा उसे जंगल में छोड़ गए थे। तीन चार माह बाद उसे उसके घर पहुंचा दिया गया। आज मैं सोचता हूं कि समाज को शिक्षित करने की जरूरत है और आपको जब भी मौका मिले इस तरह गरीब ,बेसहारा लोगों की मदद करने का मदद करते रहना चाहिए।

पुलिस हाउसिंग में इंजीनियरों के पद भरने कराई गई परीक्षा में मनमानी
– चयनित उम्मीदवारों को बिना सूचना दिए ही करवा लिया गया अभिलेख सत्यापन
– भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम में सब इंजीनियरों के रिक्त पदों को भरने के लिए कराई गई परीक्षा सवालों के घेरे में आ गई है। कर्मचारी चयन मंडल द्वारा वर्ष 2022 में यह परीक्षा कराई गई थी। इस परीक्षा में चयनित अभ्यार्थियों की भर्ती का काम चल रहा है। अब मनमानी देखें कि निगम द्वारा सिलेक्ट उम्मीदवारों को बिना सूचना दिए ही दस्तावेजों का सत्यापन करवा लिया गया है। अनेक ऐसे अभ्यर्थी हैं। जिन्हें कोई सूचना नहीं दी गई। अब यह निगम की चौखट पर लगातार भटक रहे हैं। लेकिन उनकी कोई सुनाई नहीं हो रही है। ऐसा ही एक मामला शिवपुरी जिले के करौंदी कॉलोनी निवासी अनीता मटसडिया का आया है। इस अभ्यर्थी द्वारा भी परीक्षा दी गई थी और सिलेक्शन हुआ। पीड़ित अभ्यर्थी का कहना है कि 13 अगस्त को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया लेकिन इस सूचना नहीं दी गई है। गुना जिले के चयनित उम्मीदवार संजीव कुमार देवगर भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं। कई अन्य अभ्यर्थी भी इसी तरह भटक रहे हैं। इनका कहना है कि जिन अभ्यर्थियों के सत्यापन नहीं हो पाए हैं। उन्हें तत्काल मोबाइल पर सूचित किया जाए ताकि यह लोग भी अभिलेख सत्यापन के बाद सेवा में आ सके।
– – जो वंचित रह गये ऊहै उनका तत्काल हो अभिलेख सत्यापन- क्षत्रवीर
– मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष क्षत्रबीर सिंह राठौर का कहना है कि कर्मचारी चयन मंडल की परीक्षा में उत्तीर्ण जिन अभ्यर्थियों का सत्यापन नहीं हो पाया है। उनके दस्तावेजों की तत्काल जांच की जाए। इसके लिए बाकायदा समय और तिथि निर्धारित किया जाए। ताकि इन लोगों को भी सरकारी सेवा में आने का मौका मिल सके। उन्होंने कहा है कि अगर इस विषय में शीघ्र ध्यान नहीं दिया गया तो फिर पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से इस मामले में मुलाकात की जाएगी।
– – चयनितों को न्याय दिलाने मुख्यमंत्री से करेंगे मुलाकात- विश्वजीत सिंह
– वरिष्ठ कर्मचारी नेता विश्वजीत सिंह सिसोदिया का कहना है की परीक्षा में चयनित जिन अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन नहीं हो पाया है। उन्हें न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात की जाएगी। विश्वजीत सिंह कहते हैं कि भर्ती करने का जिम्मा निगम में जिन अधिकारियों को सौंपा गया है। उनके कार्य व्यवहार की भी जांच होना चाहिए। क्योंकि अभ्यर्थी क्यों भटक रहे हैं। सभी के पास दस्तावेज सत्यापन संबंधी जानकारी क्यों नहीं पहुंच पाई है। इस मामले में मुख्यमंत्री को संज्ञान लेना चाहिए।

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