आंकड़ों के लिहाज से अगस्त महीने में भी आम लोगों को महंगाई से राहत मिली है। अगस्त 2024 में खुदरा महंगाई दर 4 फीसदी के नीचे 3.65 फीसदी रही है जो जुलाई 2024 में 3.54 फीसदी रही थी। हालांकि जुलाई के मुकाबले अगस्त महीने में मामूली बढ़ोतरी आई है। पिछले पांच वर्षों में खुदरा महंगाई दर का दूसरा सबसे कम आंकड़ा है। खाद्य महंगाई दर में कमी के चलते खुदरा महंगाई दर में ये गिरावट आई है। भारतीय रिजर्व बैंक के लिए राहत की बात ये है कि लगातार दूसरे महीने कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स उसके 4 फीसदी के टोलरेंस बैंड के नीचे बनी रही है।
खाद्य महंगाई दर में गिरावट
खुदरा महंगाई दर में गिरावट की बड़ी वजह खाद्य महंगाई दर में गिरावट है। अगस्त में खाद्य महंगाई दर 5.66 फीसदी रही है जो कि जुलाई 2024 में5.42 फीसदी पर रही थी। जुलाई के मुकाबले अगस्त में खाद्य महंगाई दर में मामूली बढ़ोतरी आई है।
जुलाई 2023 में खाद्य महंगाई 11.51% थी, अब 5.42% पर आई
महंगाई के बास्केट में लगभग 50% योगदान खाने-पीने की चीजों का होता है। इसकी महंगाई महीने-दर-महीने आधार पर 9.36% से घटकर 5.42% हो गई है। वहीं एक साल पहले जुलाई 2023 में खाद्य महंगाई 11.51% रही थी। यानी, सालाना आधार पर भी ये घटी है।
सब्जियों की महंगाई दर जुलाई में 6.83% रही, जबकि जून में यह दर 29.32% थी। अनाज और दाल भारत के मुख्य आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसकी महंगाई घटकर 8.14% और 14.77% पर आ गई है। फ्यूल और लाइट की महंगाई भी घटी है।
RBI ने इस वित्त वर्ष के लिए महंगाई अनुमान 4.5% रखा था
हाल ही में हुई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग के दौरान RBI ने इस वित्त वर्ष के लिए अपने महंगाई अनुमान को 4.5% पर अपरिवर्तित रखा था।
RBI गवर्नर ने कहा था- महंगाई कम हो रही है लेकिन प्रोग्रेस धीमी और असमान है। भारत की महंगाई और ग्रोथ ट्रैजेक्टरी संतुलित तरीके से आगे बढ़ रही है लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहना महत्वपूर्ण है कि महंगाई टारगेट के अनुरूप हो।