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फूल बंगले में विराजेंगे जगन्नाथ, 27 जून को निकलेगी रथयात्रा

भोपाल |श्री गौर राधा मदन गोपाल मंदिर समिति के द्वारा 27 जून को शांति नगर कॉलोनी बैरसिया रोड से भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा गौड़ीय सम्प्रदाय के महंत श्री भक्ति विलास के सानिध्य में निकाली जाएगी|
उक्त जानकारी देते हुए समिति के प्रमोद नेमा एवं दीपिका माहेश्वरी ने बताया कि गुरुवार 26 जून को भगवान जगन्नाथ एवं राधा कृष्ण को मोगरे के फूल का बंगला बनाकर विराजित कर संकीर्तन किया जाएगा साथ ही भगवान लड्डू गोपाल नौका विहार करते हुए दर्शन देंगे |महंत त्रिदंडी महाराज द्वारा प्रवचन एवं जगन्नाथ रथ यात्रा के महत्व का वर्णन होगा|
समिति के राहुल सिंह एवं रणछोड़ दास ने बताया 27 जून को दोपहर 12 बजे महा आरती के पश्चात भगवान जगन्नाथ को रथ पर विराजित कर यात्रा निकाली जाएगी जो शांति नगर कॉलोनी से इब्राहिमगंज, बस स्टैंड, घोड़ानक्कास, मंगलवारा,इतवारा, चिंतामनचौराहा, चौक बाजार, लखेरापुरा, सोमवारा, बालविहार, भोपालटॉकीज, सिंधी कॉलोनी से वापस मंदिर में संपन्न होगी| यात्रा में ढोलताशे, ब्रासबैंड, धर्म ध्वज, भगवान का रथ एवं संकीर्तन करते महिला पुरुष तथा बड़वाले महादेव मंदिर की डमरू -मंजिरा पार्टी आकर्षण का केंद्र होंगी|
_*जगन्नाथ रथ यात्रा 41वां वर्ष*_
कलीकाल में मानव जीवन के उद्धार के लिए श्रीमन चैतन्य महाप्रभु ने राधा- कृष्ण के मिलित रूप में अवतार लेकर नाम संकीर्तन से भक्ति का मार्ग दिखलाया था इसी भक्ति के प्रचार- प्रसार हेतु गौड़ीय संप्रदाय के श्री श्री 1008 वासुदेव शरण विरही जी महाराज का वृंदावन से भोपाल पदार्पण हुआ और वह अपने शिष्य शांति नगर बैरसिया रोड स्थित स्वर्गीय श्री द्वारका प्रसाद माहेश्वरी के निवास स्थान पर पधारे माहेश्वरी परिवार की भक्ति को देखते हुए उन्होंने यहां पर प्रभु नाम संकीर्तन प्रारंभ किया |8 जुलाई 1984 को महाराज जी की प्रेरणा एवं अपने पिता द्वाराका प्रसाद जी के साथ स्वर्गीय श्री हरि विष्णु माहेश्वरी ने अपने ही निज निवास पर श्री राधा- कृष्ण चैतन्य महाप्रभु की सुंदर प्रतिमा की स्थापना की साथ ही श्री 108 चक्रधर प्रसाद शास्त्री के सानिध्य में नीम की लकड़ी से भगवान जगन्नाथ, श्री बलदेव एवं सुभद्रा जी की मूर्ति का निर्माण कराया और एक टन लोहे का विशाल रथ भी यहीं पर बना| वर्ष 1984 में ही पहली बार शांति नगर से भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा प्रारंभ हुई जो विभिन्न मार्गो से भ्रमण कर वापस मंदिर में संपन्न हुई| प्रतिवर्ष एक दिन पूर्व मोगरे के फूल का बंगला बनाकर ठाकुर जी को विराजित किया जाता है तथा रथ यात्रा के बाद भंडारे का आयोजन सम्पन्न होता है|प्रतिदिन सुबह-शाम महाप्रभु की आरती के साथ ही प्रति ग्यारस के दिन संकीर्तन, दीपावली पर अन्नकूट महोत्सव, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, राधाष्टमी सहित अन्य सभी त्योहार यहां पर धूमधाम से मनाए जाते हैं|
उल्लेखनीय है कि माहेश्वरी जी का कोई पुत्र नहीं था वर्ष 2018 में दादाजी एवं पिताजी दोनों के एक साथ एक महीने के अंतराल में ब्रह्मलीन होने के बाद उनकी बेटियां राधिका, दीपिका, विष्णु प्रिया, एवं भक्ति माहेश्वरी इस परंपरा को पूरी तन्मयता से निभा रही हैं

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