आईआईएफएम भोपाल में हुआ ‘कल्पतरु 2025’ और एलुमनी मीट ‘रिमिनिसेंस’ का आयोजन
ट्रेजर हंट में 54 टीमों ने भाग लिया, जिसमें शशि धरन, श्रेयस और एम.जी. गौड़ा ने प्रथम स्थान हासिल किया,कविता प्रतियोगिता में सृष्टि अग्रवाल विजेता रहीं

भोपाल, 10 मार्च 2025 : भारतीय वन प्रबंध संस्थान (आईआईएफएम), भोपाल ने 06 – 08 मार्च के दौरान अपने प्रमुख कार्यक्रम “कल्पतरु 2025” का भव्य आयोजन किया, साथ ही 07-08 मार्च को “रिमिनिसेंस” एलुमनी मीट का भी आयोजन हुआ। यह आयोजन कल्पतरु 25 वार्षिक सभा के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें पद्मश्री से सम्मानित श्री भैरू सिंह चौहान मुख्य अतिथि के रूप में और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी), एससीआरबी, मध्य प्रदेश, श्री चंचल शेखर विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।
अपने संबोधन में, आईआईएफएम के निदेशक, डॉ. के. रविचंद्रन ने संस्थान की समग्र विकास के प्रति प्रतिबद्धता और भविष्य की दृष्टि पर प्रकाश डाला। गणमान्य व्यक्तियों ने आईआईएफएम द्वारा जीवंत शैक्षणिक और अतिरिक्त गतिविधियों की संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना की। इस तीन दिवसीय कल्पतरु 2025 की शुरुआत 6 मार्च को गट्स एंड ग्लोरी प्रतियोगिता के साथ हुई, जिसमें 15 टीमों ने भाग लिया और टीम हनुमान ने विजय प्राप्त की। ट्रेजर हंट में 54 टीमों ने भाग लिया, जिसमें शशि धरन, श्रेयस और एम.जी. गौड़ा ने प्रथम स्थान हासिल किया। खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम इस महोत्सव की प्रमुख विशेषताएं रहीं। द फ्यूज़न चैंपियनशिप में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें हर्ष तावरी की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। 8 मार्च को आयोजित काव्यम कविता प्रतियोगिता में सृष्टि अग्रवाल विजेता रहीं। इस महोत्सव में छात्रों और शिक्षकों के बीच रोमांचक बास्केटबॉल और वॉलीबॉल मैच भी आयोजित किए गए। एलुमनी मीट रिमिनिसेंस ने 1998, 1999 और 2014 बैच के पूर्व छात्रों का स्वागत किया, जिन्होंने अपने कॉलेज के दिनों की यादें ताजा कीं। यादों की बारात नामक आयोजन ने पूर्व छात्रों को शिक्षकों और बैचमेट्स के साथ पुनर्मिलन का शानदार अवसर प्रदान किया। इस दौरान तीरंदाजी, रैपलिंग और पेंटबॉल जैसी साहसिक गतिविधियों ने आयोजन में जोश भर दिया। पारंपरिक मिट्टी के बर्तन बनाने की कार्यशाला के साथ-साथ छात्रों द्वारा लगाए गए स्वादिष्ट भोजन और हस्तशिल्प के स्टॉल ने महोत्सव को सांस्कृतिक समृद्धि प्रदान की। इस आयोजन ने आईआईएफएम भोपाल की अकादमिक उत्कृष्टता, नेतृत्व और आजीवन संबंधों की विरासत को और सशक्त किया, जिससे प्रतिभागियों को वर्षों तक संजोने योग्य यादें मिलीं।