मन में बैठे दुष्प्रवृत्ति रूपी रावण को मारें
भोपाल।आज गायत्री शक्तिपीठ भोपाल पर शारदीय नवरात्रि के 9 दिवसीय साधना अनुष्ठान की पूर्णाहुति 24 कुंडी गायत्री महायज्ञ के माध्यम से संपन्न हुई इस अवसर पर दीक्षा संस्कार एवं अन्य संस्कार निशुल्क कराए गए साथ में दशहरा पर्व पूजन किया गया इस अवसर पर गायत्री शक्तिपीठ के व्यवस्थापक रामचंद्र गायकवाड ने दशहरे पर्व का महत्व बताते हुए कहा कि अपने मन में बैठे हुए दुष्प्रवृत्ति रूपी रावण का दहन करें, तभी दशहरा पर्व मनाना सार्थक होगा, उन्होंने कहां की गायत्री परिवार का मूल मंत्र है हम सुधरेंगे, युग सुधरेगा।
हम बदलेंगे, युग बदलेगाl इसी परिपेक्ष में आप हम सबको मिलकर समाज में व्याप्त व्यशन, दुष्प्रवृतियां, दुराचार अनाचार रूपी रावण को खत्म करना है तो हमें राम बनना पड़ेगा राम के आदर्शों पर अपनाना पड़ेगा तभी दशहरा पर्व और नवरात्रि अनुष्ठान सार्थक होगा नौ दिन गायत्री की साधना कर मां दुर्गा जैसी शक्ति प्राप्त कर समाज में फैली कुरीतियों ,दुष्प्रवृतियां का समन कर सभ्य समाज की स्थापना करनी होगी तभी गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी का संकल्प मनुष्य में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग का अवतरण का उद्देश्य पूर्ण होगा। इस अवसर पर विनोद पाठक जी ने गुरुदेव के द्वारा लिखित सदसाहित्य पर प्रकाश डालते हुए लोगों से अपील की कि बुके ना दे उसकी जगह बुक दे (साहित्य)उन्होंने कहा कि मांगलिक अवसर, पर्व त्यौहार, जन्म दिवस, विवाह दिवस एवं अन्य अवसर पर बुके (पुष्पगुच्छ) ना देकर उसकी जगह गुरुदेव द्वारा लिखित साहित्य भेंट करे।