लाखों पूर्व अर्धसैनिकों द्वारा गृहमंत्री जी से अर्धसैनिक झंडा दिवस कोष गठन की मांग


पिछले सप्ताह माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी द्वारा भारतीय सेनाओं के ग़ैर पैंशन भोगी, पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों, विधवाओं के बच्चों की शिक्षा से लेकर शादी के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता को दोगुनी वृद्धि कर दिवाली का तौहफा दिया। इस निर्णय से सरकार पर लगभग 257 करोड़ का खर्च आएगा जिसे सशस्त्र झंडा दिवस कोष से वहन किया जाएगा, संसोधित दरें 1 नवंबर 2025 से लागू होगी।
कॉनफैडरेसन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियर्स वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में माननीय रक्षामंत्री जी द्वारा लिए गए फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अब सवाल सरहदों के वास्तविक पहरेदारों बीएसएफ का है जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के 118 बंकर्स ध्वस्त किए। सवाल उन सीआरपीएफ व अन्य सुरक्षा बलों के सैकड़ों जांबाजों का भी है जो पिछले 20 सालों से चले आ रहे (लाल आतंक) नक्सलवाद का सामना करते हुए अपने प्राणों की आहुति देते हुए सर्वोच्च कर्तव्यों का निर्वहन किया।
महासचिव रणबीर सिंह द्वारा आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय, केंद्रीय गृह सचिव व सभी फोर्सेस डीजी से बार बार मुलाकातों के बाद भी अर्ध सैनिक झंडा दिवस कोष का गठन नहीं किया गया जबकि उपरोक्त झंडा कोष गठित करने में में किसी बजट की जरूरत ही नहीं आम भारतीय स्वेच्छा से दान करेंगे। लगता है कि सरकार में इच्छा शक्ति की कमी है।माननीय गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय द्वारा संसद में दिए गए 7 दिशंबर 2022 को राज्य सभा में दिए गए लिखित जवाब से लाखों पैरामिलिट्री परिवारों को ठेस पहुंची जिसमें उन्होंने कहा कि हर फोर्स का अलग अलग झंडा है और अपने तौर पर स्थापना दिवस मनाते हैं जहां तक झंडा दिवस कोष स्थापित करने को लेकर है मंत्री जी ने इस महत्वपूर्ण प्रश्न को पूरी तरह से टाल गए। जयेंद्र राणा के कहे अनुसार अब सवाल उठता है कि आए दिन शहीद हुए जवानों के आश्रित परिवार कहां जाएं। विधवाएं जिनके चांद नक्सलवाद आतंकवाद की भेंट चढ़ गए उनके बच्चों की शिक्षा स्वास्थ्य शादी पढ़ाई व पुनर्वास का जिम्मा कौन संस्था उठाए। सीआरपीएफ व अन्य सुरक्षा बलों के जवान जोकि माननीय गृह मंत्री जी द्वारा दिए गए टास्क ताकि मार्च 2026 नक्सलवाद का सुफडा साफ करने में दिन-रात ऑपरेशन कर रहे हैं ताकि मार्च 2026 तक भारत नक्सल मुक्त हो सके। पूर्व एडीजी श्री एचआर सिंह द्वारा माननीय गृह मंत्री जी पर पूरा भरोसा व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्व अर्धसैनिकों ओर उनकी विधवाओं, गैर पैंशन भोगियों, ऑपरेशन दौरान अंग भंग हुए जवानों, पूर्व अर्धसैनिकों की बेटीयों की शिक्षा स्वास्थ्य शादियों, पैंशन पुनर्वास में आर्थिक सहायता हेतु अविलंब सेना झंडा दिवस कोष की तर्ज पर अर्ध सैनिक झंडा दिवस “कोष” की स्थापना करेंगे। देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल द्वारा सीआरपीएफ को झंडा (कलर) प्रदान किया अब माननीय अमित शाह जी झंडा कोष प्रदान करें

