एजुकेशनमध्य प्रदेश

लाइफ स्किल्स पाठ्यक्रम से रोजगार के लिए ‘सक्षम’ बनेंगे जनजातीय विद्यार्थी

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प्रदेश के जनजातीय विद्यार्थी सीखेंगे लाइफ स्किल, 3 नए पाठ्यक्रम तैयार।
* मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन द्वारा जनजातीय मास्टर ट्रेनर शिक्षकों के लिए प्रदेश स्तरीय कार्यशाला का समापन।
* मध्यप्रदेश सरकार के सहयोग से चलाए जा रहे 4 वर्षीय प्रदेश स्तरीय ‘सक्षम’ कार्यक्रम के लिए 3 नए पाठ्यक्रम तैयार।

(14 जून 2024, भोपाल) । मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित प्रदेश स्तरीय पाठ्यक्रम आधारित प्रदेश स्तरीय 5 दिवसीय आवासीय कार्यशाला का गुरुवार को समापन हुआ। नर्मदापुरम रोड स्थित सिट्रस होटल में आयोजित कार्यशाला में प्रदेश के 7 जनजातीय बाहुल्य जिलों डिंडौरी, झाबुआ, मंडला, अलीराजपुर, बड़वानी, अनूपपुर और श्योपुर के प्रतिभागियों ने प्रतिभागिता ली। मध्यप्रदेश सरकार के सहयोग से चलाए जा रहे 4 वर्षीय प्रदेश स्तरीय ‘सक्षम’ कार्यक्रम के लिए यह 3 नए पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं। इन पाठ्यक्रमों पर प्रदेश के 35 से अधिक जनजातीय विकासखंडों से आए इन मास्टर ट्रेनर शिक्षकों ने 5 दिनों के दौरान 6वीं से 12वीं कक्षा के जनजातीय विद्यार्थियों की जरूरतों के अनुसार उन्हें और बेहतर बनाने के लिए सुझाव दिए। फाउंडेशन के करिकुलम एक्सपर्ट आशिक रिज्वी ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप सक्षम कार्यक्रम हेतु तैयार इन पाठ्यक्रमों पर इन मास्टर ट्रेनर शिक्षकों के सुझाव और परामर्श लिए गए। इससे जनजातीय विद्यार्थी इस पाठ्यक्रम और उससे जुड़ी गतिविधियों को आसान से समझ व अपना सकेंगे। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में पाठ्यक्रम के प्रति उत्साह, आनंद और सृजनात्मकता बढ़ाना है ताकि वे खेल-खेल में अनुभव आधारित शिक्षा प्राप्त कर सकें। कार्यक्रम में जनजातीय कार्य विभाग के सहायक संचालक विनय ठक्कर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे।

रोजगार के गुर व स्किल्स सिखाएंगे ये पाठ्यक्रम
सक्षम कार्यक्रम के अंतर्गत ही ‘इंप्लॉइबिलिटी एजुकेशन एंड लाइफ स्किल एजुकेशन विद जेंडर’ नया पाठ्यक्रम विकसित किया गया है। फाउंडेशन के गवर्नमेंट पार्टनरशिप के नेशनल हेड जावेद शेख ने बताया कि इन पाठ्यक्रमों का उद्देश्य जनजातीय विद्यार्थियों को रोजगार आधारित शिक्षा और उसके लिए जरूरी जीवन कौशल विकसित करना है। इसके अंतर्गत जनजातीय विद्यार्थियों को करियर मार्गदर्शन के साथ फाइनेंस एजुकेशन भी प्रदान किया जाएगा। साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार के दौरान काम आने वाली आवश्यक कौशल भी उन्हें सिखाए जाएंगे। जनजातीय बालिकाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए केन्द्रित विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत बालिका विशेष कौशल विकास पाठ्यक्रम तैयार किया गया है जो उन्हें रोजगार पाने और प्रफेशनल लाइफ में आगे ले जाने के काम आएगी।

6 लाइफ स्किल से सफलता का रास्ता तय करना सीखेंगे जनजातीय युवा
फाउंडेशन के प्रशिक्षण विशेषज्ञ सत्यप्रकाशन नायक ने बताया कि इन तीनों पाठ्यक्रमों में जनजातीय विद्यार्थी एंपथी, कम्यूनिकेशन, क्रिएटिविटी, कॉलेबरेशन, प्रॉब्लम सॉल्विंग और सेल्फ अवेयरनेस जैसे स्किल्स सीखेंगे। इससे उन्हें करियर बेहतर परिणाम पाने, भविष्य की योजना बनाकर रोजगार के अवसर प्रदान करना है।

89 जनजातीय विकासखंडों के 9000 शासकीय विद्यालयों के 18000 शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य
फाउंडेशन के ‘सक्षम’ कार्यक्रम के प्रदेश समन्यवक सलमान अली ने बताया कि इस पाठ्यक्रम के लिए मध्यप्रदेश सरकार और मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के बीच 4 वर्षीय ‘सक्षम’ कार्यक्रम के लिए एम.ओ.यू. साइन हुआ है। इसके अंतर्गत फाउंडेशन द्वारा मध्यप्रदेश के 20 जनजातीय बाहुल्य जिलों के 89 विकासखंडों के जनजातीय विद्यार्थियों को 21वीं सदी के जीवन कौशल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 9000 शासकीय विद्यालयों के लगभग 18 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षित कर लगभग 10 लाख जनजातीय विद्यार्थियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। इन पाठ्यक्रमों से जनजातीय विद्यार्थियों में खेल-खेल में चुनौतियों व परिस्थितियों को समझने व उसका सामना करने का कौशल और आत्मविश्वास विकसित करवाया जा रहा है जिससे उनके व्यक्तित्व का बेहतर निर्माण हो सके।

खेल-खेल में 11 जीवन कौशल की शिक्षा पाएंगे जनजातीय विद्यार्थी
‘सक्षम’ कार्यक्रम के तहत जनजातीय विद्यार्थियों को स्व-जागरुकता, अनुकूलन क्षमता, समस्या समाधान, निर्णय क्षमता, समझौता वार्ता, निश्चयात्मकता, संवाद, आत्म-प्रबंधन, सहानुभूति, सहयोगात्मकता और रचनात्मकता जैसे 11 जीवन कौशल की रोचक शिक्षा प्रदान की जाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और 21वीं सदी के कौशलों पर यह कार्यक्रम आधारित है जो जनजातीय विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और शिक्षा के प्रति उनके प्रोत्साहन को बढ़ावा देगा।

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