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लीलावती ट्रस्ट ने HDFC Bank के CEO पर लगाया गबन का आरोप

RBI से सस्पेंड करने की गुहार

लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट, HDFC Bank के सीईओ शशिधर जगदीशन का सस्पेंशन चाहती है। ट्रस्ट ने सीईओ के अलावा, पूर्व बैंक अधिकारियों सहित 8 लोगों पर पैसों के गबन का आरोप लगाया है। ट्रस्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जगदीशन को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने की अपील की है। साथ ही उन पर मुकदमा चलाने का भी आग्रह किया है। हालांकि एचडीएफसी बैंक ने आरोपों को बे​बुनियादी बताया है और इस मामले में कानूनी मदद लेने का संकेत दिया है। 5 जून को लिखे लेटर में लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट ने आरोप लगाया कि एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने संदिग्ध संपत्ति लेनदेन के माध्यम से 25 करोड़ रुपये का हेरफेर की सुविधा दी। रेड अलर्ट के बावजूद वे ट्रांसफर को रोकने में विफल रहे और उचित जांच के बिना खाते को बंद करने की इजाजत दी। ट्रस्ट की मांग का सपोर्ट मुंबई मजिस्ट्रेट कोर्ट के 30 मई के आदेश से होता है। आदेश में बांद्रा पुलिस को जगदीशन और 7 अन्य के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। एनडीटीवी प्रॉफिट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, FIR में दावा किया गया है कि जगदीशन ने एक मौजूदा ट्रस्टी के पिता को कथित रूप से परेशान करने के लिए ट्रस्ट के एक पूर्व सदस्य से 2.05 करोड़ रुपये लिए थे। यह लेन-देन कथित तौर पर वर्तमान ट्रस्ट सदस्यों को मिली हाथ से लिखी एक डायरी में दर्ज है। अदालत ने पुलिस को आगे सबूत इकट्ठा करने का निर्देश दिया है। ट्रस्ट ने चिंता व्यक्त की कि पूर्व सदस्यों ने अतिरिक्त सबूत नष्ट कर दिए होंगे।

जवाब में एचडीएफसी बैंक ने एक बयान जारी किया और कहा, “एचडीएफसी बैंक के MD और CEO शशिधर जगदीशन को बेईमान व्यक्ति निशाना बना रहे हैं। वे बैंक को लंबे समय से बकाया कर्ज की वसूली से रोकने के लिए कानूनी प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।” आरोपों को अपमानजनक और बेतुका बताते हुए, बैंक के प्रवक्ता ने आरोपों से इनकार किया। एचडीएफसी बैंक के बयान के अनुसार, ट्रस्टी प्रशांत मेहता और उनके परिवार के सदस्यों पर एचडीएफसी बैंक का काफी बकाया है। बैंक ने कहा कि मेहता ने कभी भी इस बकाए को नहीं चुकाया। बैंक ने पिछले दो दशकों में वसूली और एनफोर्समेंट की कार्रवाई की है और हर स्तर पर प्रशांत मेहता और उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने कई परेशान करने वाली कानूनी कार्रवाई की हैं। सुप्रीम कोर्ट सहित सभी स्तरों पर लगातार विफल होने के बाद, अब उन्होंने बैंक के एमडी और सीईओ के खिलाफ इस तरह का हथकंडा अपनाया है।

देश की न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा

बयान में आगे कहा गया कि मेहता ने बैंक और उसके एमडी और सीईओ को डराने और धमकाने के एकमात्र उद्देश्य से जगदीशन पर दुर्भावनापूर्ण व्यक्तिगत हमले किए हैं। एचडीएफसी बैंक ने इस मामले में कानूनी मदद लेने के अपने इरादे का भी संकेत दिया है। कहा है कि वह अपने एमडी और सीईओ की प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए कानूनी उपायों और विकल्पों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। बयान में कहा गया, ‘बैंक अपने एमडी और सीईओ की ईमानदारी और नेतृत्व पर बहुत गर्व करता है। एचडीएफसी बैंक को विश्वास है कि देश की न्यायिक प्रक्रिया एचडीएफसी बैंक और उसके एमडी और सीईओ की छवि को धूमिल करने के लीलावती ट्रस्ट के ट्रस्टी और अधिकारियों के धोखाधड़ी वाले इरादे और कुटिल उद्देश्यों को पहचान लेगी।”

 

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