श्रीमद्भागवत कथा में श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह पर भाव विभोर हुए श्रोता

भोपाल। नेहरू नगर स्थित प्राचीन नवग्रह मंदिर में चल रहे 121 कुंडीय अखंड शनि महायज्ञ एवं श्रीम राम कथा मैं रुक्मणी मंगल विवाह बड़े धूमधाम से मनाया गया एवं महाराज वैभव भटेले ने कहा कि प्रभु श्रीराम यज्ञ के सबसे बड़े संरक्षक हैं। महामुनि विश्वामित्र के यज्ञ का संरक्षण भी भगवान राम ने ही किया था। क्योंकि यज्ञ से संपन्न और शक्तिशाली बनता है राष्ट्र। महाराज भटेले ने प्रभु श्रीराम की बाल लीलाओं सहित उनके नामकरण जनेऊ संस्कार आदि पर प्रकाश डालते हुए भगवान के सद्गुणों की व्याख्या की। इस अवसर पर यज्ञाचार्य पंडित गजेंद्र शास्त्री ने शनि कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि शनि जयंती पर जो जातक यज्ञ आहुति देगा और श्रद्धापूर्वक दान करेगा उसके सभी ग्रह अनुकूल हो जाएंगे। 27 मई को शनि जयंती पर शाम 7 बजे यज्ञ की पूर्णाहुति होगी और विशाल भंडारा आयोजित किया जाएगा।जिसमें सभी भक्तगण प्रसादी अवश्य ही ग्रहण करें। यहां चल रही भागवत कथा में पंडित जितेंद्र वैष्णव ने भगवान की लीलाओं पर आधारित मअनेक प्रसंगों की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि भगवान का हर अवतार मानव जीवन के साथ-साथ सभी जीव जगत और प्रकृति को भी संरक्षण देता है। रुक्मणी मंगल विवाह का विस्तार से विस्तार से सुनाया गया जिसमें मुख्य अतिथि पीसी शर्मा जी पूर्व मंत्री ओमप्रकाश जी मिश्रा रचना जी इंदौर राखी नाराज मोना ठाकुर सुशील यादव मैडम राकेश जी सिंगला दीपक शर्मा आदि सैकड़ो भक्त उपस्थित थे।