मध्य प्रदेश

साहित्यकारों को पुस्तकालयों में होना चाहिए, संग्रहालयों में नहीं: संदीप द्विवेदी

हिंदी हमारे विचारों, परंपराओं और भावनाओं का प्रतिबिंब है: प्रो. चंद्र चारु त्रिपाठी

राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईटीटीटीआर), भोपाल में 10 से 26 सितंबर 2025 तक हिंदी पखवाड़ा का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न प्रतियोगिताओं और गतिविधियों के माध्यम से हिंदी भाषा के महत्व को रेखांकित किया गया। इस आयोजन में हिंदी कार्यशाला, निबंध प्रतियोगिता, चित्र देखो कहानी लिखो, स्वरचित आशु-कविता प्रतियोगिता, श्रुत-लेख प्रतियोगिता, कॉसवर्ड प्रतियोगिता, हास्य कविता, तात्कालिक भाषण, और प्रश्न मंच जैसी गतिविधियाँ शामिल थीं। हिंदी पखवाड़ा समापन समारोह के मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध कवि और साहित्यकार श्री संदीप द्विवेदी थे व कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक और नराकास के अध्यक्ष प्रो. चंद्र चारु त्रिपाठी ने की व विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती वंदना त्रिपाठी उपस्थित थी। श्री संदीप द्विवेदी ने अपने चित परिचित अंदाज़ में “रोने से कुछ होता है क्या”, “बेमन भी रहना होता है”, जैसी अपनी रचनायें सुनाई व संस्थान की प्रशंसा करते हुए कहा कि तकनीकी संस्थान होने के बाद भी निटर भोपाल राजभाषा के प्रचार-प्रसार में निरंतर सक्रिय है। आमतौर पर तकनीकी संस्थानों से हिंदी में कार्यों की अपेक्षा कम होती है, किन्तु निटर भोपाल ने हिंदी के विभिन्न मंचो पर अपनी उपस्थिति दर्ज कर इस भ्रम को तोड़ा है। साहित्यकारों को पुस्तकालयों में होना चाहिए, संग्रहालयों में नहीं। संस्थान निदेशक प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि यह हमारे देश की आत्मा और संस्कृति की अभिव्यक्ति है। हिंदी हमारी परंपराओं, संस्कृतियों, और विचारों को साझा मंच पर लाती है, और यही कारण है कि यह न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तेजी से फैल रही है। राजभाषा समन्वयक डॉ. पी.के. पुरोहित ने संस्थान की राजभाषा की उपलब्धियों का वर्णन करते हुए कहा कि गत दो वर्षों में हिंदी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए संस्थान को कई मंचों से पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं एवं संसदीय समिति द्वारा किए गए निरीक्षण में भी सराहना मिली है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हिंदी न केवल हमारे जीवन का हिस्सा बने, बल्कि हर मंच पर उसे उचित सम्मान भी मिले। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती शोभा लेखवानी व श्री संजय त्रिपाठी द्वारा किया गया। कार्यक्रम के समापन पर प्रतियोगिताएं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए।

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