55 वर्षों से सज रहा मां चामुंडा का दरबार
आधी सदी से अधिक समय से आराधना में लीन हैं पंडित राम सजीवन दुबे

भोपाल।नवरात्रि में माता रानी के विभिन्न रूपों की पूजा अर्चना की जा रही है। श्रद्धालु देवी मंदिरों के साथ ही पंडालों में भी माता जी की आराधना कर रहे हैं। राजधानी के शाहजहानाबाद में मां चामुंडा का दरबार लग रहा है। यहां पर काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और देवी मां से जीवन में सुख ,शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। मां चामुंडा का दरबार निरंतर 55 वर्षों से सज रहा है। मां चामुंडा दरबार के पुजारी ज्योतिषाचार्य पंडित राम सजीवन दुबे आधी सदी से भी अधिक समय से माता रानी के आराधना में लीन हैं साथ ही श्रद्धालुओं की समस्याओं का भी समाधान बताते हैं। साल की दोनों नवरात्रियों में यहां पर खास पूजा अर्चना की जाती है और भक्तजन आराधना करते हैं। खास बात यह है कि पंडित राम सजीवन दुबे नवरात्रि के दिनों में मौन व्रत रखते हैं तथा श्रद्धालुओं द्वारा पूछे गए सवालों का लिखकर जवाब देते हैं। पंडित दुबे ने कहा कि 55 वर्ष पहले मां चामुंडा दरबार की स्थापना की गई थी।
भविष्यवाणी सच होने पर मिली स्थापना के लिए प्रेरणा
पंडित राम सजीवन दुबे ने बताया कि इंदौर में इंडस्ट्रियल कोर्ट के जज द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया था और गुरु जी ने जज के प्रमोशन की भविष्यवाणी की थी जोकि सच हुई। गुरू जी ने कहा कि आज भी बात खाली नहीं जाती और माता जी से टाली नहीं जाती है।आज भी माता चामुंडा के दरबार में काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान होता है।
देवास की मां चामुंडा से है नाता
चामुंडा दरबार का मां चामुंडा देवी मंदिर देवास से खास नाता है। पंडित राम सजीवन दुबे ने बताया कि लोगों को जो कुछ मिला है वह मुकद्दर से मिलता है लेकिन मुझे जो भी हासिल हुआ वह मां चामुंडा देवी से मिला है। गुरू जी पंडित राम सजीवन दुबे हर साल मां चामुंडा देवी के मंदिर देवास जाकर पूजा अर्चना करते हैं। मां चामुंडा दरबार की खास बात यह है कि माता रानी के पास ही हनुमान जी विराजमान हैं, गुरू जी कहते हैं कि माता रानी के आगे हनुमान जी तथा पीछे भैरव बाबा चलते हैं।
आदिशक्ति पार्वती का रूप हैं मां चामुंडा
मां चामुंडा माता आदिशक्ति पार्वती का रूप है। माता ने चंड और मुंड राक्षसों का वध किया था इसलिए उनका नाम चामुंडा पड़ा और इस स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है।