मध्यप्रदेश सरकार शीघ्र जारी करे नवीन पदोन्नति नियम
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की प्रत्याशा में पूर्व की भांति सशर्त पदोन्नति दी जाए,अजाक्स के पदाधिकारियों ने की उप मुख्यमंत्री देवड़ा को सौंपा ज्ञापन

भोपाल।म.प्र. अजाक्स मंत्रालयीन शाखा के अध्यक्ष घनश्याम भकोरिया ने बताया कि 24 सितंबर को उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा को ज्ञापन सौपा l अजाक्स मंत्रालयीन शाखा द्रारा सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता मनोज गोरकेला द्वारा बनाये गये नवीन पदोन्नति नियम को शीघ्र जारी करने या सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की प्रत्याशा में सशर्त पदौन्नति दिये जाने के समर्थन में मंत्रालय में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था जिसमें एक हजार इक्कीस (1021) मंत्रालय के सभी वर्ग के शासकीय सेवकों ने समर्थन में हस्ताक्षर किये थे की प्रति ज्ञापन के साथ संलग्न कर दी गई lसामान्य प्रशासन विभाग द्वारा नवीन पदौन्नति नियम तैयार किया गया है लेकिन 8 वर्षो से आज दिनांक तक जारी नहीं किया जाना मध्यप्रदेश के अधिकारी एवं कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ एवं उनके मानवीय अधिकारों का गहनन हैl मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति की जनसंख्या लगभग 40 प्रतिशत है। इन वर्गो की शासन व प्रशासन में हर स्तर पर भागीदारी के बिना मध्यप्रदेश का विकास संभव नहीं है l आजादी के 78 वर्षों के बाद संविधान में किये प्रावधान अनुसार शासन प्रशासन में अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग उतनी भागीदारी नहीं हो सकी जितनी होनी चाहिए ?मुख्यमंत्री द्वारा अजाक्स के प्रांतीय अधिवेशन 12 जून, 2016 भोपाल में घोषणा की गई थी कि ”पदोन्नाति में आरक्षण हर हाल में जारी रहेगा उसके लिए यदि नियम बनाना होगा तो नियम बनाया जावेगा”
मुख्यामंत्री की घोषणा के पालन हेतु वर्ष 2016-17 में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मनोज गोरकेला, अधिवक्ता सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पदोन्नति नियम का ड्राफ्ट तैयार कराया गया, जिस पर उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायधीश जीएस सिंधी एवं उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस गुप्ता द्वारा यह ओपिनियन दिया है गया है कि यह नियम संविधान एवं उच्चतम न्यायालय की मंशा के अनुरूप है l13 सितम्बर, 2021 द्वारा पुनः मंत्रीगण समूह का गठन किया गया। जिसकी बैठक दिनांक 22 एवं 23 सितम्बर, 2021 को सम्पन्न की गई और 2 एवं 8 फरवरी, 2022 को बैठक सम्पन्न हुई,नवीन पदोन्नति नियम के ड्राफ्ट पर बिन्दुवार चर्चा हुई, आश्वासन दिया गया कि शीघ्र नवीन पदौन्नति नियम जारी किया जाएगा लेकिन आज दिनांक तक जारी नहीं किया गया lपदोन्नति नियम 2002 मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बनाया गया, जिसके समर्थन में मध्यप्रदेश सरकार सर्वोच्च न्यायालय में गई l नवीन पदौन्नति नियम भी मध्यप्रदेश सरकार द्वारा तैयार कराया गया फिर जारी करने इतनी देरी क्यों ?एक तरफ सरकार कह रही है कि वह अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के हितों व संविधानिक अधिकारों की रक्षा हरहाल में करेंगी और दूसरी और प्रशासन में बैठे अधिकारियों द्वारा इस वर्ग की उपेक्षा की जा रही है l
मध्यप्रदेश अजाक्स यह मांग करता है कि मुख्यमंत्री स्वयं संज्ञान में लेकर पदोन्नति नियम शीघ्र जारी करने के निर्देशित करें कि गौरकेला द्वारा बनाया गया ड्राफ्ट को शीघ्र जारी किया जावे या पूर्व की भांति पदोन्नति नियम 2002 अनुसार . सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की प्रत्याशा में सशर्त पदोन्नति दी जाए l