मध्यप्रदेश की बाग प्रिंट ने जापान में जीता दिल, मिली वैश्विक पहचान
भोपाल, 22 अक्टूबर। धार जिले के बाग क्षेत्र की परंपरागत बाग प्रिंट हस्तकला ने एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में सफलता हासिल की है। शिल्प गुरु और गोल्ड मेडलिस्ट मोहम्मद यूसुफ खत्री ने हाल ही में जापान में आयोजित कई कार्यक्रमों में मध्यप्रदेश की परंपरागत बाग प्रिंट की कला का प्रदर्शन किया, जिसने जापान के लोगों का दिल जीत लिया। इस कला के प्रति जापानियों की गहरी रुचि ने मध्यप्रदेश और भारत को गर्व का अवसर प्रदान किया है।
बाग प्रिंट का अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शन
मोहम्मद यूसुफ खत्री, जो बाग प्रिंट हस्तशिल्प के पुश्तैनी कलाकार हैं, ने जापान के विभिन्न शहरों में बाग प्रिंट की मास्टर क्लासेस और कारीगरी का प्रदर्शन किया। 12 से 20 अक्टूबर 2024 के बीच ओसाका, क्योटो और साकाई जैसे प्रमुख शहरों में आयोजित कार्यक्रमों में उन्होंने जापान के लोगों को इस कला की बारीकियां सिखाईं।
जापान में भारतीय राजदूत सिबी जॉर्ज और वस्त्र मंत्रालय की विकास आयुक्त अमृत राज ने भी उनकी कला को सराहा। ओसाका से लगभग 40 किलोमीटर दूर कोबे में आयोजित ‘इंडिया मेला’ में तीन दिनों तक बाग प्रिंट कला का जीवंत प्रदर्शन किया गया। इस दौरान बच्चों और पर्यटकों ने बाग प्रिंट के गुर सीखे और गहरी दिलचस्पी दिखाई।
जापान में बाग प्रिंट की अनोखी पहचान
खत्री ने 16 अक्टूबर को वाकायामा शहर के म्यूज़ियम ऑफ मॉर्डन आर्ट में जाकर फाइन आर्ट के विद्यार्थियों और डेलीगेट्स को बाग प्रिंट की विशेषताओं से अवगत कराया। इसके बाद 17 अक्टूबर को क्योटो के कोकोका क्योटो इंटरनेशनल कम्युनिटी हाउस में भी उन्होंने बाग प्रिंट की मास्टर क्लास ली। 20 अक्टूबर को साकाई शहर के मीना साकाई पार्क में उन्होंने स्थानीय लोगों को इस कला का प्रशिक्षण दिया, जिसे काफी सराहना मिली। प्रशिक्षण के दौरान लोगों ने बाग प्रिंट की तकनीक से रूमाल भी बनाए।इस दौरान खत्री ने बताया कि उन्होंने ओसाका से क्योटो का सफर बुलेट ट्रेन से किया, जो उनके लिए एक शानदार अनुभव था। जापान के लोगों ने बाग प्रिंट कला को न केवल पसंद किया, बल्कि इसके प्रति गहरी रुचि भी दिखाई। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय हस्तशिल्प को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है।
भारतीय महावाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजन
15 अक्टूबर को भारत के प्रधान कोंसलावास, ओसाका-कोबे, जापान के महावाणिज्य दूत श्री चंद्रू अप्पार के निवास पर ‘इंडिया भोज’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मोहम्मद यूसुफ खत्री ने महावाणिज्य दूत श्री चंद्रू अप्पार को बाग प्रिंट का स्टोल भेंट किया और उनकी कला की गहरी समझ के लिए प्रशंसा पाई। उन्होंने भारतीय महावाणिज्य दूतावास के कई अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को भी बाग प्रिंट के स्टोल भेंट किए ताकि वे इस कला की खूबसूरती को लंबे समय तक याद रखें।
मध्यप्रदेश का गौरव
मोहम्मद यूसुफ खत्री की जापान यात्रा ने न केवल बाग प्रिंट हस्तकला को वैश्विक मंच पर प्रमोट किया, बल्कि भारत और मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को भी सम्मान दिलाया। उन्होंने जापान के भौगोलिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आधुनिक और परंपरागत परिधानों को डिजाइन किया, जिन्हें जापानवासियों ने ख़ूब सराहा। खत्री, जो पहले भी बार्सिलोना, हेनोवर, बर्लिन, मिलान और कोलंबिया जैसे शहरों में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं, ने कहा कि जापान में बाग प्रिंट को मिली अपार सफलता से वे अभिभूत हैं। उन्होंने भारत और मध्यप्रदेश सरकार को इस कला का असली संरक्षक मानते हुए आभार व्यक्त किया।
इस आयोजन के तहत भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने अतिथियों को जापान के विभिन्न सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण भी कराया, जिससे भारतीय शिल्पकारों को जापान की सांस्कृतिक समृद्धि को समझने का मौका मिला।