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महाराष्ट्र सरकार ने सिख आनंद कारज विवाह अधिनियम के राज्यव्यापी कार्यान्वयन के लिए आधिकारिक निर्देश जारी किए

मुंबई, 6 मार्च 2025: महाराष्ट्र के सिख समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक कदम के तहत, महाराष्ट्र सरकार के अल्पसंख्यक विकास विभाग ने राज्य के सभी विभागीय आयुक्तों को आधिकारिक निर्देश जारी कर दिए हैं ताकि सिख आनंद कारज विवाह अधिनियम का पूरे महाराष्ट्र में प्रभावी रूप से कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। महाराष्ट्र राज्य पंजाबी साहित्य अकादमी और 11 सदस्यीय सिख समन्वय समिति, महाराष्ट्र सरकार, ने 6 फरवरी 2025 को श्री रुचेश जैवन्शी जी, आईएएस, सचिव, अल्पसंख्यक विकास विभाग, को एक आधिकारिक आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसमें सिख आनंद कारज विवाह अधिनियम को लागू करने और विवाह पंजीकरण एवं विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग की गई थी। सरकार ने तत्काल और प्रभावी कदम उठाते हुए, 25 फरवरी 2025 को आधिकारिक पत्र के माध्यम से सभी विभागीय आयुक्तों को निर्देश जारी किए हैं। इस निर्देश की एक प्रति 3 मार्च 2025 को हमें आधिकारिक रूप से प्रदान की गई है (संलग्न प्रति देखें)।

इस निर्णय का महत्व

यह ऐतिहासिक कदम निम्नलिखित बातों को सुनिश्चित करता है:
✅ नगर पालिकाओं को अलग-अलग आवेदन देने की आवश्यकता समाप्त होगी
✅ विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया सरल और सुगम होगी
✅ विवाह प्रमाण पत्र निर्बाध रूप से जारी किए जाएंगे
✅ महाराष्ट्र में आनंद कारज विवाह को कानूनी मान्यता मिलेगी

समुदाय द्वारा सरकार का आभार

इस ऐतिहासिक फैसले पर खुशी व्यक्त करते हुए, बल मलकित सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष, महाराष्ट्र राज्य पंजाबी साहित्य अकादमी, और जसपाल सिंह सिद्धू, संयोजक, 11 सदस्यीय सिख समन्वय समिति, महाराष्ट्र सरकार, ने कहा:

“यह महाराष्ट्र के सिख समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। हम माननीय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी का दूरदर्शी नेतृत्व और समर्थन के लिए हार्दिक धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने इस लंबे समय से लंबित मांग को पूरा किया। हम महाराष्ट्र सरकार के अल्पसंख्यक विकास विभाग का भी तहे दिल से आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने शीघ्र और प्रभावी रूप से इस फैसले को लागू किया। यह निर्णय सिख विवाह पंजीकरण प्रक्रिया को सरल, प्रभावी और सम्मानजनक बनाएगा, और सिखों की विशिष्ट धार्मिक पहचान को मजबूत करेगा।”यह निर्णय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सिख विवाहों को कानूनी मान्यता देने और सरकारी प्रक्रियाओं को सुगम बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

 

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