श्री गुरुदेव ब्रह्मानन्द सरस्वती आश्रम में वेद विद्या मार्तण्ड ब्रह्मचारी गिरीश जी द्वारा 121 वैदिक पंडितों के साथ द्वादश ज्योर्तिलिंगों का महारुद्राभिषेक

भोपाल। श्रावण मास के तीसरे सोमवार को गुरुदेव ब्रह्मानन्द सरस्वती आश्रम के महर्षि उत्सव भवन में महर्षि संस्थान के प्रमुख वेद विद्या मार्तण्ड ब्रह्मचारी गिरीश जी ने 121 महर्षि वैदिक पंडितों के साथ द्वादश ज्योर्तिलिंगों का महारुद्राभिषेक संपम्न किया। रुद्राभिषेक प्रारम्भ होते ही भगवान इन्द्र ने सारे वातावरण को वर्षा कर जलमग्न कर दिया। इस अवसर पर नगर के अनेक गणमान्य नागरिक, महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ और महर्षि विद्या मन्दिर परिवार के समस्त निदेशकगण, अधिकारीगण, कार्यकर्ता और श्रद्धालु उपस्थित थे। ब्रह्मचारी जी ने अपने उद्बोधन में कहा “रुद्ररूपी भगवान शिव का अभिषेक जीवन के लिए समस्त उपलब्धियों का प्रदाता हैं जिसमें सुख, शांति, समृद्धि, सम्पन्नता, ज्ञान विज्ञान, उत्तम स्वास्थ्य, प्रबुद्धता और अजेयता जैसे तत्व सम्मिलित हैं।” उन्होंने बताया कि भारतवर्ष के भौगोलिक केन्द्र ब्रह्मस्थान में पिछले 13 वर्षों से निरंतर 1331 वैदिक पंडितों द्वारा नित्य अतिरुद्राभिषेक का आयोजन हो रहा है। जिसमें सम्मिलित होकर सम्पूर्ण भारतवर्ष के और लगभग 100 देशों के लाखों श्रद्धालू नागरिक दर्शन व पुण्य लाभ प्राप्त कर चुके हैं। ब्रह्मचारी जी ने यह भी कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को रुद्राभिषेक अवश्य कराना चाहिये।