मंगलाचरण से होता है प्राणी का सर्वांगीण विकास:पं०सुशील महाराज
मंगल आत्मा के मंगल आचरण का स्मरंण लाभप्रद

मंगल आत्मा के मंगल आचरण का स्मरंण लाभप्रद
मां शीतला माता मंदिर जनता नगर फेस-1,करोंद में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में आज पं०सुशील महाराज ने श्रोताओं को शिव चरित्र की कथा एवं श्रृष्टिवर्णन की कथा सुनाई। आचार्य श्री ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रात: उठकर मंगल आत्मा के व्यक्तियों एवं देवी-देवता व ईश्वर के स्मरंण को स्मरंण करके दिनचर्या का शुभारंभ करना चाहिए।इससे प्रत्येक व्यक्ति का सर्वांगीण चौमुखी विकास होता है।और वहीं अगर मनुष्य संसारिक मोह माया में लिप्त व्यक्तियों के आचरंण का स्मरंण करके दिनचर्या शुभारंभ करने से मनुष्य के जीवन में उस दिन कलह,टेंशन, और कष्टो का सामना करना पड़ता है।आज भागवत कथा की आरती श्री मायाराम अटल,लखन परिहार,कृष्णा राठौर,एवं श्याम सुन्दर शर्मा व श्री भैरव सिंह रजक ,शुभम पाण्डेय द्वारा की गई है। श्री विजय सिंह जी ने लाईट एवं पानी की व्यवस्था करवाई है। प्रसाद बितरंण श्री दयाराम लोधी,दिनेश असाटिया एवम उनकी टीम द्वारा किया।भोले शिव के वने पात्र की सभी श्रृद्धालुओं ने आरती उतारी और विधिवत पूजा अर्चना की गई।