

कोलकाता, 9 दिसंबर 2025: मणिपाल अस्पताल ईएम बायपास में एक उल्लेखनीय चिकित्सीय हस्तक्षेप के तहत, डॉ. प्रदीप्त कुमार सेठी, निदेशक – गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, मणिपाल अस्पताल ईएम बायपास एवं मुकुंदपुर क्लस्टर के नेतृत्व में विशेषज्ञों की टीम ने बारासात, उत्तर 24 परगना निवासी 4 वर्षीय कृष्णु रॉय (नाम परिवर्तित) के पेट से एक नुकीली धातु की पिन को सफलतापूर्वक बाहर निकाला। कृष्णु ने पानी पीते समय गलती से इस पिन को निगल लिया था। खेलते समय उसने पानी की बोतल में धातु की पिन डाल दी थी, जो पानी पीते समय अनजाने में उसके शरीर में चली गई। इसके बाद परिवार ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे एक संभावित जानलेवा स्थिति के रूप में पहचाना गया।
अस्पताल में भर्ती के बाद, बच्चे की तुरंत जांच की गई और यह पाया गया कि उसके पेट में एक नुकीली धातु की वस्तु फंसी हुई है। पेट की दीवार में छेद (गैस्ट्रिक वॉल पर्फोरेशन) और आंतरिक रक्तस्राव का गंभीर खतरा होने के कारण तत्काल चिकित्सा हस्तक्षेप आवश्यक हो गया।
मामले पर विस्तार से जानकारी देते हुए डॉ. प्रदीप्त कुमार सेठी ने कहा, “बच्चों द्वारा नुकीली वस्तुओं का निगलना एक गंभीर आपात स्थिति है और जानलेवा जटिलताओं को रोकने के लिए त्वरित हस्तक्षेप बेहद जरूरी होता है। कृष्णु के मामले में यह धातु की पिन आंतों में आगे बढ़ने पर छेद या रक्तस्राव का कारण बन सकती थी। हमने तुरंत आपातकालीन एंडोस्कोपी की योजना बनाई और बिना किसी सर्जिकल चीरे के बेहद सावधानी से पिन को निकाल लिया। हमारी टीम के समन्वय और विशेषज्ञता के कारण यह प्रक्रिया सफल रही और बच्चे की रिकवरी संतोषजनक रही। यह मामला बच्चों के मामलों में समय पर चिकित्सा सहायता और अभिभावकों की सतर्कता के महत्व को दर्शाता है।”
उन्नत एंडोस्कोपिक उपकरणों का उपयोग करते हुए, डॉ. प्रदीप्त कुमार सेठी के साथ उनकी विशेषज्ञ टीम, जिसमें डॉ. प्रसान्त देबनाथ (कंसल्टेंट – मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी), डॉ. राहुल समंता (कंसल्टेंट – मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी) और डॉ. प्रशांत कुमार (कंसल्टेंट – मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी) शामिल थे, ने अत्यंत सावधानी के साथ इस वस्तु को बाहर निकाला, जिससे बच्चे के आंतरिक अंगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। प्रक्रिया के बाद, मणिपाल अस्पताल ईएम बायपास की हेड – पीडियाट्रिक्स एवं नियोनेटलॉजी, डॉ. निकोला जुडिथ फ्लिन और उनकी टीम द्वारा बच्चे की करीबी निगरानी की गई। उपचार के बाद उसकी स्थिति में तेजी से सुधार हुआ और उसे स्थिर अवस्था में छुट्टी दे दी गई।
अपनी राहत व्यक्त करते हुए कृष्णु के पिता ने कहा, “हम डॉ. सेठी और मणिपाल अस्पताल ईएम बायपास की पूरी टीम के बेहद आभारी हैं। अस्पताल पहुंचते ही उन्होंने पूरे मामले को अत्यंत पेशेवर तरीके से और संवेदनशीलता के साथ संभाला। अपने बेटे को दर्द में देखना हमारे लिए बेहद भयावह था, और यह सोचकर ही डर लगता है कि अगर पिन के कारण अंदरूनी चोट लग जाती तो क्या होता। उनकी तेज़ निर्णय लेने की क्षमता और विशेषज्ञ इलाज के कारण आज हमारा बेटा सुरक्षित है और घर पर अच्छी तरह से स्वस्थ हो रहा है। हम उनके समय पर हस्तक्षेप और समर्पण के लिए उनका तहेदिल से धन्यवाद करते हैं।”
इस घटना के माध्यम से मणिपाल अस्पताल ईएम बायपास ने एक बार फिर शिशु एवं बाल आपातकालीन देखभाल, उन्नत एंडोस्कोपिक प्रक्रियाओं और त्वरित बहुविषयक समन्वय में अपनी उत्कृष्टता सिद्ध की है, जिससे कम उम्र के मरीजों के लिए सुरक्षित और सकारात्मक चिकित्सीय परिणाम सुनिश्चित हुए हैं।



