भोपाल।हृदय रोग एवं डायबिटीज के 22वें राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन चमत्कारी दवायें एवं क्रान्तिकारी तकनीकों पर गहन चर्चा हुई। मधुमेह के विशेष सत्र में डॉ.पी सी मनोरिया ने बताया की मोटापा, डायबिटीज एवं हृदय रोग के उपचार के लिए पूरे विश्व में इससे निपटने के लिए क्रांतिकारी दवाईयां उपलब्ध हो गयी हैं जो इन बीमारियों से ग्रसित मरीज की ज़िंदगी आसान बनाएंगी। डॉ रमाकांत पण्डा, अध्यक्ष, एशियन हार्ट इंसटीटयट मुम्बई ने अपने व्याख्यान में कहा कि हृदय की बायपास सर्जरी अब बहुत आसानी से की जाती है और मरीज को इस सर्जरी से डरने की कोई जरूरत नहीं है। डॉ. नागेश्वर रेड्डी, अध्यक्ष, एशियान इंसट्टयूट आफ गैस्ट्रोइंट्रोलाजी हैदराबाद ने एक बहुत रोचक चर्चा की। डॉ. ए. एल. कृपालानी, प्रोफेसर मुम्बई अस्पताल ने कहा कि ज्यादातर गुर्दे के रोगियों के का निधन हृदय रोग की बीमारी से होता है अतः इन मरीज में हृदय रोग की रोकथाम एवं इलाज पर विशेष ध्यान देना चाहिये। डॉ. मनोज शुक्ला, प्रसिद्ध मधुमेह रोग विशेषज्ञ मुम्बई ने एक नई तकनीक मेडिकल डिजिटल ट्विन इन डायबिटीज के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि ये बहुत लाभकारी सिद्ध हो रही है। डॉ. पूर्वी चावला, मधुमेह रोग विशेषज्ञ मुम्बई ने कहा कि बचपन के मोटापे को शुरू में ही रोक देना चाहिये।डॉ. आशीष नाबर, ईसीजी रोग विशेषज्ञ ने ईसीजी पर अपने रोचक संस्मरण प्रस्तुत किये, जिसे बहुत सराहा गया। डॉ. शेरिल फरनानडिस, आहार विशेषज्ञ ने हृदय एवं डायबिटीज के मरीजों के विशेषज्ञ आहार के बारे जानकारी उपलब्ध करवाई। इस कार्यक्रम में बड़े पैमाने पर देश भर के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और इसकी व्यापक सराहना की गई।
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