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MIT-WPU की टीम ने रियल टाइम मॉनिटरिंग और सुरक्षा के लिए एडवांस्ड व्हीकल डेटा ट्रैकिंग सिस्टम का पेटेंट हासिल किया

• इस सिस्टम में रियल-टाइम ट्रैकिंग, जियो-फेंसिंग और इमरजेंसी अलर्ट जैसी सुविधाएं मौजूद हैं, जिसका लाभ फ्लीट ऑपरेटर्स, मोटर-वाहन निर्माताओं, बीमा कंपनियों, लॉजिस्टिक्स फर्मों, स्मार्ट सिटी प्लानर्स और अन्य लोगों को मिलेगा।
• अब MIT-WPU की टीम मोटर-वाहन निर्माताओं, फ्लीट मैनेजमेंट कंपनियों और लॉजिस्टिक्स फर्मों के साथ साझेदारी करके इस सिस्टम को बाज़ार में लाने पर ध्यान दे रही है।
12 दिसंबर, पुणे: मौजूदा दौर में लॉजिस्टिक्स, कमर्शियल ऑपरेशंस और ट्रैफिक मैनेजमेंट की मांग लगातार बढ़ रही है, जिसे देखते हुए एक कारगर व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम बेहद जरूरी हो गया है, जो तेज़, सुरक्षित और भरोसेमंद होने के साथ-साथ ऑपरेशंस को सुविधाजनक बनाए। एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी (MIT-WPU), पुणे के प्रोफेसरों और छात्रों की एक टीम ने इस दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने वाहनों की रियल टाइम मॉनिटरिंग और सुरक्षा के साथ-साथ संचालन को बेहतर बनाने के लिए, 5G और बिल्कुल नई टेक्नोलॉजी पर आधारित एक एडवांस्ड व्हीकल डेटा ट्रैकिंग सिस्टम बनाया है।
इस टीम में आशुतोष सोलंके, मल्हार जोजारे, हृषिकेश कलमकर और उनके मेन्टॉर के रूप में प्रोफेसर श्वेता कुकड़े शामिल हैं। इस टीम ने 5G टेक्नोलॉजी, रियल-टाइम ट्रैकिंग और सुरक्षा के शानदार फीचर्स को व्हीकल डेटा ट्रैकिंग सिस्टम में शामिल करने के लिए पेटेंट हासिल किया है। इस सिस्टम में रियल-टाइम ट्रैकिंग, जियो-फेंसिंग और इमरजेंसी अलर्ट जैसी सुविधाएं मौजूद हैं, जिसका लाभ फ्लीट ऑपरेटर्स, मोटर-वाहन निर्माताओं, बीमा कंपनियों, लॉजिस्टिक्स फर्मों, स्मार्ट सिटी प्लानर्स और अन्य लोगों को मिलेगा।
अब MIT-WPU की टीम मोटर-वाहन निर्माताओं, फ्लीट मैनेजमेंट कंपनियों और लॉजिस्टिक्स फर्मों के साथ साझेदारी करके इस सिस्टम को बाज़ार में लाने पर ध्यान दे रही है। टीम चाहती है कि इस सिस्टम को कमर्शियल एवं पब्लिक सेक्टर के व्हीकल फ्लीट में शामिल किया जाए, जिससे उनकी संचालन क्षमता के साथ-साथ सुरक्षा भी बेहतर होगी। इसके अलावा, टीम निजी वाहन मालिकों के लिए भी इसका एक वर्जन तैयार करके इसके कंज्यूमर एप्लीकेशंस का पता लगाने की योजना बना रही है, जो पहले से बेहतर सुरक्षा एवं ट्रैकिंग में सक्षम होगा।
इस सिस्टम के बेमिसाल फीचर्स और इसकी अहमियत के बारे में बात करते हुए, एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर श्वेता कुकडे ने कहा, “अक्सर पारंपरिक तौर पर उपयोग होने वाले सिस्टम में हाई-स्पीड कनेक्टिविटी और लोकेशन की सही ट्रैकिंग की कमी होती है, जो मॉडर्न एप्लीकेशंस के लिए बेहद जरूरी है। हमारा सिस्टम 5G टेक्नोलॉजी और GPS/GLONASS की बेहतर सटीकता का लाभ उठाता है, जो ट्रैकिंग को तेज़ और अधिक भरोसेमंद बनाता है। इसी वजह से हमारा यह सिस्टम फ्लीट मैनेजमेंट, लॉजिस्टिक्स, बीमा और सार्वजनिक परिवहन जैसे क्षेत्रों के लिए अनमोल बन जाता है। हम स्मार्ट शहरों में उपयोग के लिए इस सिस्टम के दायरे को बढ़ाने पर भी विचार कर रहे हैं। इसे संभावित रूप से शहरों में आवागमन के रियल टाइम मैनेजमेंट के लिए IoT इन्फ्रास्ट्रक्चर में शामिल किया जा सकता है, जिससे प्रोडक्ट में लगातार इनोवेशन और विकास सुनिश्चित हो सके।”
यह सिस्टम 2G या 3G नेटवर्क पर काम करने वाले मौजूदा व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम की रुकावटों को दूर करता है, जिसमें डेटा ट्रांसफर की गति सीमित होती है और किसी वाहन के लोकेशन का पता लगाने में सटीकता कम होती है। इस सिस्टम में 5G को शामिल करने से डेटा ट्रैकिंग में देरी, ग्रामीण इलाकों में खराब कनेक्टिविटी और सटीकता में कमी जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं। यह सचमुच एक गेम-चेंजर है, जो GPS और GLONASS जैसी टेक्नोलॉजी की मदद से रियल टाइम डेटा ट्रांसफर और भरोसेमंद तरीके से ट्रैकिंग को सक्षम बनाता है। यह खास तौर पर ग्रामीण एवं दूर-दराज के इलाकों, या चुनौती भरे माहौल में सटीक तरीके से और तुरंत लोकेशन की ट्रैकिंग करना संभव बनाता है।
इसके अलावा, इस सिस्टम में जियो-फेंसिंग भी मौजूद है, जिससे वाहन की वर्चुअल बाउंड्री तय की जा सकती है और वाहन के उस जगह से बाहर निकलते ही अलर्ट भेजा जा सकता है। इमरजेंसी बटन की सुविधा से किसी भी तरह गंभीर स्थिति में तुरंत चेतावनी भेजी जा सकती है। इसमें वाई-फाई नेटवर्क को ओपन करने के लिए ऑटोमेटिक स्विच मौजूद है, जिससे 5G उपलब्ध न होने पर भी कनेक्टिविटी बरकरार रहती है। केवल GPS ट्रैकिंग के साथ 2G/3G नेटवर्क पर निर्भर रहने वाले पुराने सिस्टम्स की तुलना में ये सिस्टम काफी बेहतर है, जो अधिक गति, सटीकता और सुरक्षा प्रदान करते हैं।
इस सिस्टम को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि, यह आम तौर पर सार्वजनिक जगहों पर उपलब्ध एवं ऑथराइज्ड वाई-फाई नेटवर्क से अपने आप ही कनेक्ट हो जाता है, साथ ही यह किसी भी कानूनी या नेटवर्क सीमा का उल्लंघन नहीं करता है। यह अनुमति के बिना किसी भी निजी या पासवर्ड से सुरक्षित नेटवर्क को एक्सेस नहीं करता है। इस सुविधा से लगातार कनेक्टिविटी सुनिश्चित होती है। यह खास तौर पर वाहन के ऐसे इलाकों में प्रवेश करने पर उपयोगी है, जहाँ 5G सिग्नल कमज़ोर होते हैं या उपलब्ध नहीं हो सकते हैं। इन सब में सुरक्षित नेटवर्क की इन्टेग्रिटी का पूरा ध्यान रखा जाता है।
अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी पर आधारित MIT-WPU टीम का व्हीकल डेटा ट्रैकिंग सिस्टम सचमुच बहु-उपयोगी है, जिसमें फ्लीट मैनेजमेंट, लॉजिस्टिक्स तथा शहरी आवागमन के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने की क्षमता है। टीम धीरे-धीरे इसके कमर्शियलाइजेशन की ओर कदम बढ़ा रही है, और उन्हें पूरा यकीन है कि उनका यह इनोवेशन परिवहन क्षेत्र में सुरक्षा, कुशलता और रियल टाइम मॉनिटरिंग में एक नई मिसाल कायम करेगा।

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