मोदी सरकार 2 अप्रैल को पेश कर सकती है वक्फ संशोधन विधेयक

सरकार ने विपक्ष के विरोध के बावजूद 2 अप्रैल को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने का फैसला किया है। गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि यह विधेयक संविधान के अनुरूप बनाया जाएगा और किसी को भी इससे डरने की जरूरत नहीं है। वक्फ संशोधन विधेयक दरअसल 2013 में पारित वक्फ अधिनियम में संशोधन करने के लिए लाया जा रहा है। अमित शाह के अनुसार, पिछली सरकार द्वारा लागू किए गए कुछ प्रावधान संविधान के अनुरूप नहीं थे, जिन्हें अब सुधारा जाएगा। यह विधेयक संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया गया है।
विधेयक को लेकर सरकार की क्या है योजना?
गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि विधेयक को पूर्वव्यापी प्रभाव (retrospective effect) से लागू नहीं किया जाएगा। यदि किसी को आपत्ति है तो उनके पास अदालत जाने का विकल्प खुला रहेगा। संशोधन के बाद कानून को और अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा।
विपक्ष और समाज के कुछ वर्गों में असहमति
इस विधेयक के विरोध में कई जगह प्रदर्शन हुए हैं। हैदराबाद में सैदाबाद की उजाले शाह ईदगाह के बाहर लोगों ने काली पट्टियाँ बांधकर विरोध जताया। लखनऊ के ऐशबाग में भी कुछ लोगों ने इसका विरोध किया। कई संगठनों ने इसे धार्मिक संपत्तियों पर सरकार का हस्तक्षेप बताया है।
सरकार का पक्ष
सरकार का मानना है कि यह विधेयक देश के संवैधानिक ढांचे को मजबूत करने और वक्फ बोर्ड से जुड़े मामलों में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए लाया जा रहा है। सरकार का दावा है कि इससे वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन होगा और किसी समुदाय को नुकसान नहीं होगा।