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US टैरिफ के असर से Moody’s ने भारत की ग्रोथ रेट में की कटौती

मूडीज ने भारत की इकोनॉमी ग्रोथ दर का अनुमान 2025 के लिए घटा दिया है. इसने घटाकर 6.4% से 6.1% कर दिया गया

नई दिल्ली: अप्रैल महीने में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने के बाद से अमेरिकी बाजार सहित दुनिया भर के बाजारों में भारी अनिश्चितता देखने को मिली. इसी बीच, मूडीज ने भारत की इकोनॉमी ग्रोथ दर का अनुमान 2025 के लिए घटा दिया है. इसने घटाकर 6.4% से 6.1% कर दिया गया है.मूडीज ने यह कटौती टैरिफ के संभावित प्रभाव को ध्यान में रखकर की है.

अगर पूरी तरह से टैरिफ लागू हुआ तो पड़ेगा असर

मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अगर अमेरिका की ओर से घोषित सभी टैरिफ पूरी तरह से लागू हो जाते हैं, तो भारत की इकोनॉमी पर इसका असर पड़ना तय है. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिलहाल 90 दिन के लिए टैरिफ पर रोक लगा दी है और इसके बदले में 10% का समान टैरिफ जारी रखा जाएगा. लेकिन Moody’s की अप्रैल की बेसलाइन रिपोर्ट मानकर चल रही है कि अगर सारे टैरिफ लागू हुए, तो प्रभाव पड़ेगा.
इन सेक्टरों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर

बता दें कि 2 अप्रैल को अमेरिका प्रशासन ने भारत पर 26% तक के टैरिफ लगा दिए थे, जिससे भारत के कई एक्सपोर्टर सेक्टर प्रभावित हो सकते हैं. इनमें रत्न एवं आभूषण, मेडिकल डिवाइसेज और कपड़ा उद्योग सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका जताई गई है. मूडीज के मुताबिक, भारत की GDP का एक छोटा हिस्सा ही बाहरी मांग (exports) पर आधारित है, इसलिए समग्र रूप से ग्रोथ पर इसका प्रभाव सीमित रहेगा.

RBI ने भी रेपो रेट में की कटौती

इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी आर्थिक सुस्ती को देखते हुए लगातार दूसरी बार अपनी मुख्य नीतिगत दर Repo Rete में कटौती की है. साथ ही अपनी मौद्रिक नीति का रुख ‘accommodative’ कर दिया है, यानी आगे और कटौती की गुंजाइश खुली रखी गई है. केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में 25 बेसिक प्वाइंट्स की कटौती की है, जिसके बाद 6% हो गई है. RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ से अनिश्चितता तो बढ़ी है, लेकिन इसके असर को अभी सटीक रूप से मापना मुश्किल है.

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