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हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ में 80 से ज्यादा की मौत, कई घायल

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में बड़ा हादसा हो गया है. ये सत्संग हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के गांव फुलरई में हो रहा था. इस भगदड़ में कम से कम 80 लोगों की मौत हो गई, जिसमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं. भगदड़ में 100 के करीब श्रद्धालु घायल भी हुए हैं. घायलों में से कुछ की हालत गंभीर है.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया साइट X पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुई दुर्घटना में महिलाओं और बच्चों सहित अनेक श्रद्धालुओं की मृत्यु का समाचार हृदय विदारक है. मैं अपने परिवारजनों को खोने वाले लोगों के प्रति गहन शोक संवेदना व्यक्त करती हूं तथा घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं.’

CM योगी ने जताया दुख

CM योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने ट्वीट कर घटना पर दुख व्यक्त किया और हादसे की जांच के लिए एक कमेटी भी गठित कर दी है.घटना की सूचना मिलते ही आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं. साथ ही कई थानों की फोर्स भी मौके पर बुला ली गई है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सत्संग खत्म होने के बाद जब लोग बाहर निकल रहे थे तभी भगदड़ मच गई. जिसमें दबकर कई लोगों की जान चली गई.

जानिए देश में कब-कब भगदड़ से गई सैकड़ों की जान

कुंभ मेले में जब 800 से ज्यादा लोगों न गंवाई थी जान

3 फरवरी 1954: आजाद भारत में पहली बार साल 1954 में कुंभ मेले का आयोजन किया गया था। यह कुंभ मेला इलाहबाद ( वर्तमान में प्रयागराज) में हुआ था। इस मेले में मौनी अमावस्या के दिन दर्दनाक घटना घटी। इस दिन मेले में भयानक भगदड़ मच गई। भगदड़ मचने से 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 350 लोगों की कुचले जाने से मौत हो गई थी। 200 लोग लापता हो गए थे। वहीं, 2000 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

मध्य प्रदेश के मंधरादेवी मंदिर में मची थी भगदड़

25 जनवरी 2005: महाराष्ट्र के सतारा जिले के नजदीक मंधारदेवी मंदिर में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 340 से ज्यादा तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी। यह हादसा उस समय हुआ जब श्रद्धालु नारियल तोड़ने के लिए सीढ़ियों पर चढ़े थे। फिसलन की वजह से कुछ लोग सीढ़ियों से गिर गए।

साल 2008 में तीन मंदिरों में हुए तीन बड़े हादसे

30 सितंबर 2008: राजस्थान के जोधपुर शहर में चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाह फैल गई थी। अफवाह फैलने से लोगों में अफरा तफरी मच गई। भगदड़ की वजह से 250 भक्तों की मौत हो गई। वहीं, 60 से अधिक लोग घायल हो गए। 3 अगस्त 2008: हार साल सावन महीने में हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में देवी माता का दर्शन करने के लिए हजारों श्रद्धालु एकत्रित होत हैं। साल 2008 में भी लोग बड़ी तादाद में देवी की दर्शन के लिए एकत्रित हुए थे। इसी दौरान 3 अगस्त को बारिश की वजह से मंदिर में लैंडस्लाइड हुई और लोगों के बीच भगदड़ मच गई।  इस अफरातफरी में 146 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। 3 सितंबर 2008: नैना देवी मंदिर हादसे से देशवासी उबर ही रहे थे कि अगले महीने ही राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर में 224 लोगों की मौत हो गई। दरअसल, शारदीय नवरात्र के दौरान भक्तों की जबरदस्त भीड़ उमड़ी थी। नवरात्रि में देवी की एक झलक पाने के लिए भक्तों के बीच धक्का-मुक्की हुई। इसके बाद भगदड़ मच गई। कुछ लोगों ने इसी बीच विस्फोट की अफवाह भी फैला दी थी।

जब यूपी में 63 लोगों ने गंवाई थी जान

4 मार्च 2010: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में भगदड़ मच गई थी। इस भगदड़ में 63 लोगों की मृत्यु हो गई थी। जानकारी के मुताबिक, लोग मुफ्त कपड़े और भोजन लेने के लिए जमा हुए थे। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं शामिल थी।

वैष्णो देवी मंदिर में मची थी भगदड़

1 जनवरी 2022: नववर्ष के दिन जम्मू कश्मीर के कटरा में मौजूद वैष्णो देवी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और 12 से अधिक अन्य घायल हो गए। भीड़ में आपसी धक्का-मुक्की के बाद भगदड़ मच गई थी।

करुप्पासामी मंदिर में मची भगदड़ में सात लोगों की हुई थी मौत

21 अप्रैल 2019: तमिलनाडु स्थित करुप्पासामी मंदिर में मची भगदड़ में करीब सात लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, दस लोग घायल हुए थे। हादसे पर शोक जताते हुए पीएम मोदी ने मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये और घटना में घायल हुए लोगों को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की थी। यह हादसा चित्रा पूर्णिमा की रात मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए जमा हुए श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ होने के बाद हुई थी। 14 जनवरी 2011: मकर संक्रांति के त्यौहार पर लाखों की तादाद में श्रद्धालु केरल के इडुक्की जिले के पुलमेडू स्थित सबरीमाला मंदिर में इकठ्ठा होते हैं। मकर संक्रांति को भी लोग यहां बड़ी तादाद में इकट्ठा हुए थे। जानकारी के मुताबिक,  श्रद्धालुओं से भरी एक जीप भीड़ में घुसते हुए पलट गई, जिससे कई लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इसके बाद लोगों के बीच भगदड़ मच गई। इस घटना में 109 लोगों की मौत हो गई थी।

दतिया में रतनगढ़ माता मंदिर में जब गिरी पुल

साल 2013 में मध्य प्रदेश के दतिया में रतनगढ़ माता मंदिर में भी भगदड़ मच गई थी। शारदीय नवरात्रि के दौरान मंदिर तक जाने वाले पुल पर भगदड़ मच गई, जिसमें 115 लोगों की मौत हो गई। मारे जाने वालों में बड़ी तादाद में महिलाएं और बच्चे शामिल थे।

प्रयागराज जंक्शन में मच गई थी भगदड़

10 फरवरी 2013: वहीं, साल 2013 में भी प्रयागराज में कुंभ मेले के दौरान जबदस्त भगदड़ मच गई थी। 10 फरवरी के दिन को मौनी अमावस्या का स्नान था। स्नान-दान करने के बाद श्रद्धालु अपने घर जाने के लिए रेलवे स्टेशनों व बस अड्डों पर पहुंच रहे थे। भारी भीड़ की वजह से प्रयागराज जंक्शन ( इलाहाबाद) पर लोग मौजूद थे। शाम सात बजे अचानक प्लेटफार्म छह की ओर जाने वाली फुट ओवरब्रिज की सीढियों पर भगदड़ मच गई। इस घटना में 35 लोगों की मौत हो गई। जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए थे।

मंदिर में स्लैब टूटने से 36 लोगों की हुई थी मौत

7 मार्च 2023: पिछले साल मार्च महीने में मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर (Indore Temple Accident) का स्लैब टूट गया। स्लैब टूटने से मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई और 36 लोगों की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, हादसे के वक्त बावड़ी पर डाले गए स्लैब के ऊपर 50 से 60 श्रद्धालु मौजूद थे। जान गंवाने वालों में महिलाओं से लेकर पांच साल तक का बच्चा शामिल था।

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