एम.पी. ट्रांसको का प्रोटेक्शन सेल सौ प्रतिशत डिजिटल तकनीकी मजबूती के साथ बढ़ी ट्रांसमिशन नेटवर्क की रियल-टाइम सुरक्षा


भोपाल। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि भारत सरकार के डिजिटल इंडिया विजन के तहत मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) के प्रोटेक्शन सेल ने अब पूरी तरह डिजिटल स्वरूप ले लिया है। प्रदेश में 42 हजार किलोमीटर से अधिक लंबी ट्रांसमिशन लाइनों, 417 एक्स्ट्रा हाईटेंशन सबस्टेशनों के 1000 से अधिक पावर ट्रांसफार्मरों की हर पल निगरानी एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले प्रोटेक्शन सेल का समूचा कार्य अब पूर्णतः डिजिटली संचालित हो रहा है। ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने एम.पी. ट्रांसको को यह बड़ी उपलब्धि हासिल करने पर बधाई देते हुये इसे तकनीकी आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा महत्वपूर्ण कदम बताया है।
—मोबाइल, गूगल सीट का हो रहा उपयोग—
एम.पी. ट्रांसको के मुख्य अभियंता अमर कीर्ति सक्सेना ने बताया कि प्रोटेक्शन सेल के डिजिटल होने के बाद सभी फाल्ट रिपोर्ट, इवेंट डेटा, डिस्टर्बेंस रिकॉर्ड, ट्रेकिंग फाइलें, तथा एनालिटिकल रिपोर्ट अब मोबाइल, ईमेल या गूगल शीट के माध्यम से तुरंत उपलब्ध हो जाती हैं। किसी भी लाइन-फाल्ट, उपकरण फेल्यूअर या ओवर-लोडिंग की स्थिति में रियल-टाइम अलर्ट सीधे संबंधित अभियंताओं तक पहुँचने से निर्णय लेने की गति बढ़ी है और ट्रिपिंग एवं ब्रेकडाउन की स्थिति को नियंत्रित किया जा सका है।
इस पूरी प्रक्रिया के डिजिटल होने से फाल्ट लोकेशन की सटीक पहचान अब कुछ ही मिनटों में संभव है, प्रोटेक्शन सेल और फील्ड टीमें अब इंटीग्रेटेड डिजिटल नेटवर्क से जुड गई है, डेटा एनालिटिक्स के आधार पर प्रीवेंटिव मेंटेनेंस अधिक व्यवहारिक हो गया है, जिससे प्रदेश के ट्रांसमिशन नेटवर्क की विश्वसनीयता और स्थिरता को सुदृढता प्राप्त हुई है।



