अध्यात्ममध्य प्रदेश

साकेत नगर जैन मंदिर में मुनि श्री प्रमाण सागर जी का हुआ मंगल प्रवेश

गुरुवर प्रमाण सागर जी ससंघ की हुयी भव्य अगवानी, सकारात्मकता, मन के अंदर व्याप्त एक विश्वास है- प्रमाण सागर जी

श्री 1008 भगवान महावीर दिगम्बर जैन मंदिर साकेत नगर में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य, गुणायतन प्रणेता, भावना योग प्रवर्तक, शंका समाधान के जनक, परम पूज्य मुनिश्री 108 प्रमाणसागर जी महाराज, पूज्य मुनिश्री 108 निर्वेगसागर जी महाराज, पूज्य मुनिश्री 108 सन्धानसागर जी महाराज के ससंघ मंगल चरण पड़े। मुनि संघ के साकेत नगर विहार हेतु कमेटी सदस्य तथा समाजजन विद्यासागर इंस्टिट्यूट, अवधपुरी पहुंचे। बैंडबाजों के साथ साकेत नगर महिला मंडल ने दिव्य घोष तथा जयकारों के साथ संघ की अगवानी की, वहीं पाठशाला के बच्चे अपनी यूनिफॉर्म तथा धर्मध्वजा के साथ चल रहे थे। हेमलता जैन रचना ने बताया कि साकेत नगर जैन समाज ने जगह-जगह रंगोली बनाकर पाद प्रच्छाल एवं आरती कर भव्य आगवानी की। नित्य नियम-पूजन-अभिषेक के पश्चात् अपने मंगल उद्बोधन में मुनि श्री ने कहा कि- “चाहे कितनी भी कठिन परिस्थितियां क्यों ना हों, अगर सोच पॉजिटिव हो तो हम हर कठिनाइयों से पार लग जाएंगे। अधिकतर व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों में अपना धैर्य खो देते हैं इससे समस्या कम होने की जगह और बढ़ जाती है। जो लोग सकारात्मक सोच रखते हैं, तनावग्रस्त नहीं होते और कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानते, वह नकारात्मक परिस्थितियों में भी अपनी बुद्धि और सकारात्मक सोच से हर परिस्थिति का मुकाबला अच्छे तरीके से कर सकते हैं। ऐसे व्यक्ति को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। सकारात्मकता मन के अंदर व्याप्त एक विश्वास है।साकेत जैन मंदिर जी के अध्यक्ष नरेंद्र टोंग्या ने कहा कि मुनि संघ की अगवानी, आहारचर्या हेतु चौके लगाने तथा मंगल सानिध्य का अवसर पाकर हम धन्य हो गए। सम्पूर्ण साकेत/शक्ति नगर जैन समाज में उत्सव जैसा हर्षोल्लास का माहौल छा गया। प्रवचन से पूर्व भेल के एग्ज़क्यूटिव डायरेक्टर श्री एस.आर.प्रसाद, डॉ श्रीमती सुधा जैन, डॉ अजय जैन, नरेंद्र जैन टोंग्या, बाबड़िया कला जैन मंदिर जी के अध्यक्ष अशोक जैन तथा समाज के अन्य विशिष्टजनों ने दीप प्रज्ज्वलन किया तत्पश्चात योगिता जैन, सुषमा जैन और डॉ प्रज्ञा जैन ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। मुनि श्री प्रमाण सागर महाराज जी ने साकेत नगर मंदिर जी में स्थित सभागार का नामकरण “कंचन श्री सभागार” करते हुए सभागार का उद्घाटन किया। प्रमाण सागर महाराज जी की आहार चर्या का सौभाग्य सुगन्धीलाल, रोहित जैन तथा परिवार, निर्वेग सागर जी महाराज के आहार का सौभाग्य नरेंद्र जैन टोंग्या तथा परिवार, सन्धान सागर जी महाराज के आहार का सौभाग्य प्रमोद शाह एवं परिवार तथा पांच छुल्लक महाराजों को आहार देने का सौभाग्य यश बड़कुल, मनोज जैन रेलवे, अजय जैन, आदित्य मन्या जैन, अमिताभ मन्या जैन तथा परिवार को प्राप्त हुआ। इस अवसर पर अध्यक्ष नरेंद्र टोंग्या, सचिव महेंद्र जैन चंदेरी, कोषाध्यक्ष ताराचंद जैन, सुगंधी लाल जैन, रोहित जैन, मंगलवारा जैन मंदिर अध्यक्ष आदित्य मन्या, सोनागिरी जैन मंदिर अध्यक्ष नरेंद्र पिंडरई, रुचि लाइफ एस्केप अध्यक्ष प्रमोद जैन, शैलेन्द्र जैन बी.यू, नीलेश जैन, शरद जैन, देवेंद्र नौहराकलां, अजय जैन, राजेश जैन, धर्मेंद्र जैन, अनुराग पंचोलिया, अमिताभ मन्या जैन, आलोक जैन बीएसएनएल, देवेश जैन, सुनील जैन NHDC, मनोज जैन रेल्वे, आशीष भागवतकर, डॉ अभिषेक सिंघई, सकल जैन समाज के विभिन्न मंदिर समितियों के पदाधिकारियों समेत अनेक राजनीतिक, प्रशासनिक और व्यापारिक क्षेत्र के वरिष्ठ जनों ने अपनी उपस्थिति देकर उत्साहपूर्वक भाग लिया। पाद प्रच्छालन तथा मुनिसंघ की आरती करने का सौभाग्य देवेंद्र जैन नौहराकलां तथा राजश्री बसंत जैन एवं परिवार को प्राप्त हुआ। साकेत नगर के पश्चात संघ का विहार नारायण नगर होते हुए बावड़िया कलां की ओर हुआ।वहीं भगवान श्री 1008 सुब्रतनाथ जी मोक्ष कल्याणक महोत्सव के अवसर पर, शहर के 100 वर्ष प्राचीन श्री 1008 चन्द्रप्रभ जैन मंदिर जी में 100 kg लाडू चढ़ाने के साथ ही शहर के इतिहास में पहली बार अरहंत दीपअर्चना की गयी। शनिग्रह अरिष्ट निवारक तीर्थकर श्री मुनि सुब्रतनाथ जी का निर्वाण महोत्सव सकल जैन समाज मंगलवारा में बहुत ही भव्य भक्ति-भावना एवं नृत्य-आरती के साथ मनाया गया। अध्यक्ष आदित्य मन्या, सचिव विजय श्वेता ने बताया कि इस महोत्सव में मुनि श्री विशाल सागर जी एवं श्री विभोर सागर जी के सानिध्य में अरिहन्त परमेष्टी के 46 गुणों का चौपाई के साथ विधान, दीप-अर्चना हुई। विशाल माढ़ने पर घी के 46 बड़े दीपकों के साथ सौधर्म इन्द्र, कुबेर इन्द्र एवं महायज्ञ नायक के साथ लगभग 100 इन्द्र-इन्द्राणियों एवं 46 परिवारों ने क्रमवार अर्चना कर दीप एवं लाडू अर्पित किये। महिला मण्डल की अध्यक्षा नीता रोशला, मनीषा मन्नु, सविता मन्या, जया कोच्छल, तारा देवी, नीता नायक, सरोज अरविन्द के साथ राकेश नायक, मनोज, महेंद्र पिन्टु, प्रदीप, रजनीश जैन आदि के परिवारों ने इन्द्र बनकर पूजा अर्चना की। मुनि श्री विशाल सागर जी ने प्रवचन में कहा कि- “जीवन का अंतिम सत्य यही है कि साधना करें, समाज को नई दिशा दें एवं दीक्षा लेकर मोक्षगामी जीव बनें।”

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