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NAAC टीम के निरीक्षण में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय प्रशासन की हेराफेरी उजागर , NSUI ने लगाए रिश्वतखोरी और गुमराह करने के गंभीर आरोप

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में फर्जी NAAC निरीक्षण का आरोप, NSUI ने कुलगुरु पर रिश्वतखोरी और धांधली का लगाया आरोप

कुलगुरु ने बुलाई भारी पुलिस, छात्रों पर लगाया प्रतिबंध — NSUI बोली: ‘सच छुपाने के लिए किया जा रहा दमन’

भोपाल- बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल एक बार फिर भ्रष्टाचार, हेराफेरी और छात्रों के अधिकारों के हनन के गंभीर आरोपों के चलते सुर्खियों में आ गया है। NSUI मध्यप्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने बताया कि विश्वविद्यालय में मूल्यांकन हेतु आई NAAC (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) की टीम निरीक्षण के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रही है, और पूरे मूल्यांकन को एक पूर्व-निर्धारित नाटक बना दिया गया है।

भौतिक निरीक्षण केवल 2 सदस्यों द्वारा — 5 सदस्य ऑनलाइन जुड़े

NSUI जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने बताया कि NAAC टीम में कुल 7 सदस्य हैं, लेकिन विश्वविद्यालय का भौतिक निरीक्षण करने केवल 2 सदस्य ही पहुंचे हैं, जबकि बाकी 5 सदस्य केवल ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि यह उच्च शिक्षा के मानकों के साथ सीधा खिलवाड़ है। अक्षय तोमर ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. सुरेश कुमार जैन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने फर्जी और गैर-मान्यता प्राप्त कॉलेजों से अवैध वसूली कर NAAC टीम को मोटी रिश्वत दी है, जिसके कारण टीम अब विश्वविद्यालय की खामियों को नजरअंदाज कर केवल “दिखावटी निरीक्षण” कर रही है।

रवि परमार ने कहा “नैक जैसी संवेदनशील संस्था को भी कुलगुरु और प्रशासन द्वारा पैसे से प्रभावित किया जा रहा है। निरीक्षण प्रक्रिया को मज़ाक बना दिया गया है। यह छात्रों और शिक्षा प्रणाली के साथ धोखा है।”

छात्रों को रोका गया, विश्वविद्यालय में तैनात किया गया भारी पुलिस बल

विश्वविद्यालय के छात्र प्रतीक यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों की आवाज़ दबाने के लिए बागसेवनिया थाना पुलिस को विश्वविद्यालय परिसर में भारी संख्या में तैनात कर दिया है।
पूर्व छात्रों, छात्र संगठनों के सदस्यों को गेट पर ही रोक दिया गया, उन्हें NAAC टीम से मिलने नहीं दिया जा रहा है। यह कदम यह दर्शाता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन किसी भी प्रकार की पारदर्शिता और सच्चाई सामने आने से डर रहा है। गैर तकनीकी महाविद्यालय प्रभारी आशीष शर्मा ने कहा कि “छात्रों की आवाज़ दबाने के लिए पुलिस का सहारा लेना बताता है कि कुलगुरु कितने डरे हुए हैं। अगर सब ठीक है तो छात्रों से डर क्यों?” शर्मा ने कहा कि “B.U.I.T. और फार्मेसी जैसे तकनीकी विभागों की हालत खराब है। AICTE/PCI के मानक पूरे नहीं हो रहे, फिर भी नैक टीम इन सब पर मौन क्यों है?”बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के अध्यक्ष विकास ठाकुर ने कहा कि “नैक टीम केवल उन्हीं जगहों पर ले जाई जा रही है जहां सब कुछ सजाकर दिखाया गया है। असली तस्वीर छुपाई जा रही है, और हमें मिलने नहीं दिया जा रहा। यह शिक्षा का अपमान है।”

*NSUI और छात्रों की मांगें :*

1. NAAC निरीक्षण की प्रक्रिया को पारदर्शी एवं भौतिक रूप से पूर्ण किया जाए।
2. सभी 7 सदस्यों द्वारा फील्ड विजिट अनिवार्य की जाए।
3. कुलगुरु शैलेन्द्र जैन के खिलाफ रिश्वतखोरी व फर्जी कॉलेज संरक्षण की जांच हो।
4. छात्रों, छात्र संगठनों और पूर्व छात्रों को NAAC टीम से मिलने का अवसर मिले।
5. विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों पर लगाया गया पुलिस बल तत्काल हटाया जाए।

यदि छात्रों को NAAC टीम से नहीं मिलने दिया गया और मूल्यांकन प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं रही, तो 26 जुलाई को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में तालाबंदी की जाएगी।
प्रशासनिक भवन, शिक्षण विभाग, पुस्तकालय, कैंपस के गेट – सभी बंद कर शांतिपूर्ण लेकिन निर्णायक आंदोलन किया जाएगा।

 

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