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राष्ट्रीय संविधान दिवस समारोह कल; राष्ट्रपति करेंगी अध्यक्षता, पीएम भी होंगे शामिल

बुधवार को संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रीय संविधान दिवस समारोह का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस समारोह की अध्यक्षता करेंगी। जबकि उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष और तमाम केंद्रीय मंत्री इस समारोह में शामिल होंगे।

संविधान दिवस, 2025 के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय समारोह बुधवार, 26 नवंबर, 2025 को सुबह 11 बजे संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित किया जाएगा। यह मौका भारत द्वारा संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक परंपराओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि का प्रतीक है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस समारोह की अध्यक्षता करेंगी। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री और दोनों सदनों के सांसद शामिल होंगे। इस कार्यक्रम के दौरान, लोकसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति सभा को संबोधित करेंगे, जिसके बाद राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा।

संविधान दिवस समारोह के एक हिस्से के रूप में, सेंट्रल हॉल समारोह के दौरान डिजिटल मोड में कई विमोचन की योजना बनाई गई है।

    • विधायी विभाग की तरफ से तैयार नौ भाषाओं – मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया – में भारत के संविधान का लोकार्पण ।
    • संस्कृति मंत्रालय की तरफ से तैयार स्मारक पुस्तिका ‘भारत के संविधान से कला और कैलीग्राफी ‘ (हिन्दी संस्करण) का विमोचन।

इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति की तरफ से संविधान की प्रस्तावना का वाचन भी शामिल होगा।

देश भर में, सभी केंद्रीय मंत्रालय/विभाग, उनके अधीनस्थ और संबद्ध कार्यालय, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारें और स्थानीय निकाय इस अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित करेंगे। आम नागरिक कई माध्यमों से इसमें भाग लेंगे:

  • मायजीओवी.इन और संविधान75.कॉम पर प्रस्तावना का ऑनलाइन वाचन
  • प्रमाणपत्र सृजन और सोशल मीडिया साझाकरण में भागीदारी
  • ‘हमारा संविधान – हमारा स्वाभिमान’ पर राष्ट्रीय ऑनलाइन क्विज और ब्लॉग/निबंध प्रतियोगिताएं
  • सम्मेलन, सेमिनार, वाद-विवाद, लघु फिल्में, प्रदर्शनियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पोस्टर/पेंटिंग और रंगोली प्रतियोगिताएं, तथा पंचायत से संसद स्तर तक संविधान-विषयक अन्य गतिविधियां।

इस प्रकार, संविधान दिवस, 2025 को देश के हर कोने में और विश्व में रहने वाले भारतीयों द्वारा संवैधानिक मूल्यों के राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया जाएगा।

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