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गैंगरेप की घटना पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने जताया गहरा दुख

नई दिल्ली: कोयंबटूर में एक 20 वर्षीय कॉलेज छात्रा के साथ कथित गैंगरेप की घटना पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने इस घटना के लिए तमिलनाडु सरकार को जिम्मेदार ठहराया और सवाल उठाया कि ‘और कितनी निर्भयाओं का इंतजार सरकारों को महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए करना पड़ेगा?’कानूनगो ने कहा कि यह घटना राज्य की बेटियों की सुरक्षा में तमिलनाडु सरकार की ‘पूरी तरह से विफलता’ को दर्शाती है। इस ‘दिल दहला देने वाले’ अपराध ने 2012 के दिल्ली निर्भया मामले की दर्दनाक यादें ताजा कर दी हैं, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था और यौन हिंसा के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग को जन्म दिया था।कोयंबटूर की घटना दिल दहला देने वाली है। एक 20 वर्षीय कॉलेज छात्रा अपने दोस्त के साथ थी। उसके साथ गैंगरेप हुआ। यह बलात्कार उस समय की परिस्थितियों की याद दिलाता है जब पूरा देश दिल्ली की निर्भया के साथ खड़ा हुआ था और न्याय के लिए, भारत में एक मजबूत कानूनी ढांचा बनाने के लिए, और लड़कियों की सुरक्षा के लिए लड़ा था। फिर भी, तमिलनाडु सरकार एक छात्रा को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही है। यह सरकार की सीधी जिम्मेदारी है।’

शर्मसार कर रही वारदात

यह घटना रविवार शाम को तमिलनाडु के कोयंबटूर हवाई अड्डे के पास हुई। पुलिस के अनुसार, एक 20 वर्षीय कॉलेज छात्रा को तीन लोगों ने कथित तौर पर अगवा कर लिया और उसके साथ यौन उत्पीड़न किया। छात्रा अपनी दोस्त के साथ कार में थी जब आरोपियों ने कार का शीशा तोड़ा, उसके दोस्त को पीटा और पीड़िता को एक सुनसान जगह ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।

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