नेताजी आजाद ने वंदे मातरम पर कविता से बांधा समां
कवियत्री जया विलतकर के जन्मदिवस पर आयोजित किया गया विराट कवि सम्मेलन


भोपाल। राजधानी स्थित हिंदी भवन में भोपाल की ख्यात कवियत्री जया विलतकर के जन्मदिवस पर विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । इस सम्मेलन में दिल्ली, गाजियाबाद, बाराबंकी और अन्य जगहों से आए 40 कवियों ने काव्य पाठ किया । कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय ग्रामीण साहित्य मंच द्वारा किया गया। दिल्ली से आए नेताजी आजाद ने अपनी कविता से समां बांध दिया। नेताजी आजाद ने कहा कि वह 10 वर्षों से लगातार कविताओं का पाठ कर रहे हैं । उनकी कविताएं ज्यादातर राष्ट्रवाद से प्रेरित होती हैं । इसके अलावा वह देश और समाज की समसामयिक कविताओं का पाठ भी करते हैं। नेताजी आजाद ने कहा कि साहित्य किसी भी भाषा में हो उसे पढ़ना चाहिए। जब तक हम साहित्य को नहीं पढ़ेंगे तो मानव की मन है स्थिति को नहीं समझा जा सकता और लोगों का दुख दर्द भी नहीं समझ पाएंगे। नेताजी आजाद ने वंदे मातरम, वंदे मातरम सुन लो मेरे बंदे… कविता से लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। इसके अलावा कवि रंजन शर्मा, विभा और स्वाति ने काव्य पाठ किया। मंच का संचालन बाराबंकी से आए संजय शर्मा द्वारा किया गया। जया विलतकर की पुस्तक अक्षरा का विमोचन भी किया गया।




