नई दिल्ली, 18 दिसंबर: जापान की वाहन निर्माता कंपनी निसान भारत में अपने कारोबार को पटरी पर लाने की योजना कायम है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है। निसान इंडिया ऑपरेशंस के प्रेसिडेंट फ्रैंक टोरेस ने कहा कि कंपनी वैश्विक स्तर पर चल रही उथल-पुथल के बावजूद भारत में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रही है। टोरेस ने पीटीआई को बताया कि कंपनी ने तीसरी शिफ्ट शुरू करने के लिए अपने चेन्नई प्लांट में 600 कर्मचारी बढ़ाए हैं। कंपनी को नहीं लगता कि 9,000 नौकरियों में कटौती और वैश्विक स्तर पर उत्पादन में 20 प्रतिशत की कमी का भारत पर कोई प्रभाव पड़ेगा, बशर्ते कंपनी बाजार में प्रतिस्पर्धी बनी रहे। उन्होंने कहा, ‘निसान भारत पर बड़ा दांव लगा रही है…और वैश्विक उथल-पुथल के बावजूद उसकी योजनाएं (भारत के लिए) कायम हैं।’ टोरेस इस प्रश्न का जवाब दे रहे थे कि वैश्विक स्तर पर नौकरियों और उत्पादन में कटौती की घोषणा का निसान के भारतीय परिचालन पर क्या असर पड़ेगा। टोरेस ने कहा, ‘धारणा के विपरीत, भारत में हम अपने कर्मचारियों की संख्या और उत्पादन बढ़ा रहे हैं। हमने चेन्नई में अपने मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में लगभग 600 नए कर्मचारियों को शामिल किया है।’ उन्होंने कहा, ‘इस कदम से प्रोडक्शन शिफ्ट में मदद मिलेगी। वैश्विक स्तर पर पुनर्गठन के कदमों से इतर हम यहां दो नए मॉडल के साथ बहुत जल्द उत्पादन का विस्तार करने जा रहे हैं। हमें नहीं लगता कि वैश्विक उथल-पुथल का असर भारत पर पड़ेगा क्योंकि हमारी योजनाएं पहले की तरह ही कायम हैं। इस बात में भी कोई संदेह नहीं कि प्रतिस्पर्धी बने रहना हमारी प्राथमिकता है। क्योंकि, अंतत: निसान में यही सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।’इसी साल जुलाई में निसान इंडिया ने बताया था कि वह अगले 30 महीनों में पांच मॉडल पेश करने की योजना बना रही है, क्योंकि वह तेजी से बढ़ते भारतीय कार बाजार में अपने परिचालन में बदलाव करना चाहती है। कंपनी ने अगले वित्त वर्ष 2025-26 के आखिर तक अपने डोमेस्टिक एवं एक्सपोर्ट वॉल्युम को तीन गुना कर एक लाख सालाना तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
वहीं, इसी साल नवंबर में निसान ने घोषणा की थी कि वह वैश्विक स्तर पर 9,000 कर्मचारियों की छंटनी करेगी और बदलाव की अपनी योजना के तहत उत्पादन 20 प्रतिशत घटाएगी। इन कदमों के साथ कंपनी ने लागत में 400 अरब येन (2.6 अरब डॉलर) की कटौती करने की बात कही थी। टोरेस ने कहा, ‘जहां तक भारत के लिए योजनाओं की बात है, वे अप्रभावित रहेंगी और यहां कोई खतरा या कोई प्रभाव नहीं है। हम उत्पादन, लागत और अपने पार्टनर्स, सप्लायर्स व डीलर्स समेत अन्य सभी मानकों पर प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए काम करते रहेंगे।’ चेन्नई प्लांट में कुछ हफ्ते पहले तीसरी शिफ्ट शुरू की गई है, क्योंकि कंपनी अपने मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट की पूरी क्षमता के प्रयोग का लक्ष्य लेकर चल रही है। टोरेस ने आगे कहा, ‘इसका अर्थ है कि हमने एक पूरी नई शिफ्ट शुरू की है। और हम 2026 की तरफ भी कदम बढ़ा हैं, जहां हमें दोनों लाइन पर तीन शिफ्ट के साथ अपने मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट की पूरी क्षमता की जरूरत होगी। अभी इनमें से एक को नए मॉडल्स के लिए बदल रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘अगर 2026 के अंत तक कंपनी अपने उत्पादन लक्ष्य को पाती है, तो इसके लिए प्लांट का यूटिलाइजेशन 80 प्रतिशत से ज्यादा चाहिए, जिसके लिए आज से ज्यादा लोगों की जरूरत होगी।’
उन्होंने कहा, ‘कर्मचारियों की संख्या बढ़ाना हमारी प्रतिबद्धता का हिस्सा है। नए निवेश के आधार पर हमने तमिलनाडु सरकार से अगले साल अपने कर्मचारी बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई है और इस दिशा में हमें तमिलनाडु सरकार से पूरा समर्थन मिल रहा है।’
इतना ही नहीं, उन्होंने बताया कि 2023 में घोषित अपनी 600 मिलियन डॉलर की निवेश योजना के तहत रेनॉ-निसान अलायंस 2,000 से ज्यादा रोजगार सृजित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें मैन्यूफैक्चरिंग ही नहीं, बल्कि आरएंडडी जैसे अन्य क्षेत्रों में भी नौकरियां शामिल हैं।
टोरेस ने यह भी बताया कि योजना के तहत इलेक्ट्रिक एसयूवी की लॉन्चिंग से पहले कंपनी अभी अपनी एक लाइन को ईवी जैसी नई टेक्नोलॉजी के अनुरूप बदलने पर भी काम कर रही है।
टोरेस ने जोर देकर कहा, ‘हम घरेलू और निर्यात दोनों बाजार में अपनी संख्या बढ़ाने की योजना पर काम कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में वित्त वर्ष 2025-26 तक घरेलू एवं निर्यात बाजार में अपने वॉल्युम को तीन गुना बढ़ाना है। हम अपनी योजना पर कायम हैं और नए मॉडल्स को लेकर भी हमारी योजना यथावत है।’
बिक्री में बढ़ोतरी के सवाल पर टोरेस ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में चालू वित्त वर्ष 2024-25 में निसान इंडिया अपनी बिक्री को 72,666 यूनिट से 45 प्रतिशत बढ़ाकर 1.05 लाख से ज्यादा पर पहुंचाने की उम्मीद कर रही है। यह लक्ष्य पाना नई अपग्रेडेड कॉम्पैक्ट एसयूवी मैग्नाइट के दम पर संभव होगा।
उन्होंने बताया कि 2023 के मात्र 14 देशों की तुलना में कंपनी ने अपना निर्यात बाजार 65 से ज्यादा देशों तक बढ़ा दिया है। इस निर्यात में मैग्नाइट का लेफ्ट-हैंड ड्राइव वर्जन भी शामिल है।
कंपनी पिछले वित्त वर्ष के 42,597 की तुलना में इस साल निर्यात को 74,200 कारों तक पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
घरेलू बाजार में 4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ निसान इंडिया पिछले वित्त वर्ष के 30,065 की तुलना में चालू वित्त वर्ष में 31,155 कारों की बिक्री की उम्मीद कर रही है।
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