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एनआईटीटीटीआर, भोपाल “आत्मनिर्भर भारत के लिए रक्षा प्रौद्योगिकी में सृजन” पर संगोष्ठी का आयोजन

उद्योगों से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की अपेक्षाएँ

रक्षा उत्पादन क्षेत्र के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने और शिक्षा जगत, स्थानीय उद्योगों और रक्षा निर्माताओं के बीच सहयोग को मज़बूत करने के प्रयास में, राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईटीटीटीआर), भोपाल 24 नवंबर, 2025 को विषय “आत्मनिर्भर भारत के लिए रक्षा प्रौद्योगिकी में सृजन” संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) नाशिक सीईओ श्री साकेत चतुर्वेदी ने मुख्य अतिथि के रूप में संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि, भारत की वास्तविक शक्ति हमारे युवा इंजीनियर्स, अनुसंधान संस्थानों और उद्योग जगत की आपसी साझेदारी में है। यदि हम टेक्नोलॉजी को स्वदेशी रूप से विकसित करने की दिशा में मिलकर कार्य करें, तो आने वाले वर्षों में भारत वैश्विक रक्षा और एविएशन सेक्टर में नेतृत्व स्थापित कर सकता है। उन्होंने कहा कि HAL आज न केवल लड़ाकू विमान विकास में अग्रणी है, बल्कि कई महत्वपूर्ण प्रणालियों को पूरी तरह स्वदेशी बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसके लिए NITTTR जैसे संस्थानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। निटर के निदेशक प्रो. सी सी त्रिपाठी ने कहा कि मध्य प्रदेश स्वदेशी तकनीकी विकास में मजबूत भूमिका निभाने को तैयार है, और NITTTR भोपाल इसमें एक केंद्रीय ज्ञान-सहयोगी संस्थान के रूप में उभर रहा है। एनआईटीटीटीआर भोपाल मध्य प्रदेश के उन संस्थानों की क्षमताओं पर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार कर रहा है जो एचएएल द्वारा आवश्यक उत्पादों के निर्माण और विकास में योगदान दे सकते हैं। श्री आर.के भारती ने इस संगोष्ठी के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि निटर भोपाल की यह पहल सराहनीय है और एविएशन और एयरोस्पेस के क्षेत्र में HAL और प्राइवेट इंडस्ट्रीज के बीच में कोऑपरेशन और कोलैबोरेशन जरुरी है। डिफेन्स के क्षेत्र में पार्ट्स की आपूर्ति जेट की स्पीड में उपलब्ध होना आवश्यक है। श्री पी.आर बघेल ने “फाइटर एयरक्राफ्ट के डिज़ाइन, डेवलपमेंट और सर्टिफिकेशन” विषय पर व्याख्यान दिया। डॉ. अजीत भंडाकर ने “रक्षा प्रौद्योगिकी में स्वदेशीकरण” विषय पर चर्चा की। अन्य अतिथियों में श्री अशोक पटेल, श्री सी.पी शर्मा व निटर भोपाल के डीन डॉ. संजय अग्रवाल, डॉ. मनीष भार्गव, डॉ. पी.के पुरोहित, प्रो. एम.ए. रिज़वी के साथ विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

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