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NUCFDC ने अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों की डिजिटल बैंकिंग सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सहकार डिजिपे और सहकार डिजिलोन की शुरुआत की

को-ऑप कुंभ 2025 में माननीय केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह द्वारा लॉन्च किए गए इन दोनों डिजिटल प्लेटफॉर्मों को डिजिटल पेमेंट को सरल बनाने और लोन वितरण की प्रक्रिया को पेपरलेस बनाने के लिए तैयार किया गया है

दिल्ली, 12 नवंबर, 2025: नेशनल अर्बन कोऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NUCFDC), जो कि अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों (UCBs) का अम्ब्रेला ऑर्गेनाइजेशन है, आज सहकार डिजिपे (Sahakar Digipay) और सहकार डिजिलोन (Sahakar Digiloan) को लॉन्च किया। इन दोनों डिजिटल प्लेटफॉर्मों को ख़ास उद्देश्य के लिए बनाया गया है, ताकि डिजिटल पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा सके और सभी UCBs में लोन देने के कामकाज को ऑटोमेटेड बनाया जा सके। ये पहल UCBs के मौजूदा इकोसिस्टम में कम खर्च पर डिजिटल साधनों को अपनाने, कामकाज की क्षमता को बेहतर बनाने और ग्राहकों को ध्यान में रखकर किए जाने वाले इनोवेशन को आगे बढ़ाने की NUCFDC की बड़ी योजना का हिस्सा है।

को-ऑप कुंभ 2025 के दौरान माननीय केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह ने इन नए डिजिटल सॉल्यूशंस को लॉन्च किया, जो अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों को डिजिटल रूप से मज़बूत और सस्टेनेबल बनाने के सरकार के विज़न के अनुरूप हैं। ये दोनों प्रोडक्ट UCBs के कामकाज को मॉडर्न बनाएँगे और नए जमाने के ग्राहकों को बेहतर सेवाएँ उपलब्ध कराने में उनकी मदद करेंगे।

NUCFDC के चेयरमैन, श्री ज्योतिंद्र मेहता ने इन दोनों प्रोडक्ट्स के बारे में बात करते हुए कहा, “फिलहाल 1,400 से ज़्यादा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक, करीब 11,500 शाखाओं के ज़रिए पूरे देश में 9 करोड़ से ज़्यादा ग्राहकों को अपनी सेवाएँ देते हैं। फाइनेंशियल इंक्लूजन को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका बेहद अहम है, इसके बावजूद कई UCBs को सुरक्षित और बड़े पैमाने पर लागू होने वाले डिजिटल सिस्टम को अपनाने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ग्राहकों का भरोसा कायम रखने और मुकाबले में आगे बने रहने के लिए, UCBs को भरोसे और ईमानदारी के अपने उसूलों पर कायम रहते हुए डिजिटल रूप से मज़बूत बनना होगा। NUCFDC के ये प्रोडक्ट्स कम लागत वाले हैं, जो आने वाले समय के लिए तैयार सॉल्यूशंस के जरिए इस कमी को दूर करते हैं, साथ ही गवर्नेंस और सेवा देने के तरीके को भी बेहतर बनाते हैं। ये इनोवेशन UCBs को तेज़, ज़्यादा स्मार्ट और ज़्यादा सुरक्षित वित्तीय सेवाएँ देने में मदद करेंगे; उन्हें आत्मनिर्भर बनाएँगे और उनके विकास को बढ़ावा देंगे।”

NUCFDC के सीईओ, श्री प्रभात चतुर्वेदी ने कहा, “ये प्रोडक्ट्स अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों के लिए डिजिटल तरीकों को अपनाने की प्रक्रिया आसान बनाने के लिए तैयार किए गए हैं। हर प्रोडक्ट को कामकाज की एक खास समस्या को दूर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये सॉल्यूशंस मैन्युअल तरीके से किए जाने वाले कामकाज को कम करेंगे, टर्नअराउंड समय को बेहतर बनाने में मददगार साबित होंगे और नियमों का पालन सुनिश्चित करने में सहायता करेंगे। इन्हें UCBs को दीर्घकालिक रूप से डिजिटल रूप से सशक्त बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो उन्हें अधिक कुशल और ग्राहक-केंद्रित संस्थान बनने की दिशा में बड़ा कदम साबित होंगे। यह भारत के अर्बन कोऑपरेटिव बैंकिंग सेक्टर के डिजिटल विकास की दिशा में एक अहम पड़ाव है, जिससे वे तेजी से बदलते आर्थिक माहौल में मुकाबला करने और टिके रहने में सक्षम हो सकेंगे।”
NUCFDC का सहकार डिजिपे एक सेंट्रलाइज्ड यूपीआई स्विच है, जिसे बैंकों को उनके ट्रांजैक्शन की लागत कम करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें धोखाधड़ी का पता लगाने तथा जोखिम को कम करने वाले बेहतरीन टूल्स भी शामिल हैं। NUCFDC का सहकार डिजिपे अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों को सुरक्षित, स्केलेबल और नियामक-अनुपालन पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने में सहायक होगा।

सहकार डिजिलोन एक लोन ओरिजिनेशन सिस्टम है, जो कागजी कार्रवाई के बिना ग्राहकों को जोड़ने की प्रक्रिया को तेज़ करने में UCBs की मदद करता है। इसमें डिजिटल केवाईसी, ऑटोमेटेड क्रेडिट असेसमेंट और जोखिम की त्वरित पहचान जैसी सुविधाएँ मौजूद हैं, जो रिटेल और कमर्शियल दोनों तरह के लोन संचालन को अधिक कुशल बनाती हैं। इन दोनों प्लेटफॉर्मों को डेटा-आधारित निर्णय लेने और पारदर्शी तरीके से लोन वितरण सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि UCBs की ऋण देने की क्षमता बढ़े और कार्यप्रणाली में लगने वाला समय कम हो सके।

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