अधिकारियों ने शिक्षकों की जायज मांगों से मुंह चुराया, भारी आर्थिक नुकसान कराया
– पुरानी पेंशन बहाली के राष्ट्रीय अध्यक्ष लड़ेंगे मास्टरों की लड़ाई
भोपाल। प्रांतीय अधिकारी कर्मचारी पेंशनर्स एवं संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश संरक्षक तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ प्रमोद तिवारी ने शिक्षकों की मांगों पर शासन का ध्यान केंद्रित करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी शिक्षकों की जायज मांगो पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए उनकी मांगों का निराकरण करने के अपील की है। साथ ही प्रदेश के शिक्षा मंत्री को भी मिलकर शिक्षकों की मांगों से अवगत कराएंगे साथी ही उनकी समस्याओं का निराकरण करने का भरसक प्रयास किया जाएगा। शिक्षकों की मांगो में प्रमुखता से मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग में आयुक्त लोक शिक्षण के द्वारा उच्च पद प्रभार की प्रक्रिया के तहत उच्च श्रेणी शिक्षक को व्याख्याता पद पर उच्च पद प्रभार दिए जाने के लिए विभाग के पत्र क्रमांक 3323 66 दिनांक 19 जुलाई 2023 को चयनित सूची जारी की गई। चयनित को शीघ्र ही पद स्थापना देने का उसमें उल्लेख किया गया। इसके बाद इनकी दो दो बार काउंसलिंग की गई पहले 9 अगस्त को फिर 28 29 अगस्त को काउंसलिंग की गई लेकिन आज दिनांक तक जो की एक वर्ष होने को आया है उच्च पद प्रभार के आदेश आयुक्त लोक शिक्षक द्वारा जारी नहीं किए गए। जिससे शिक्षकों में घोर निराशा है साल भर के दौरान कई शिक्षक पदनाम के बिना ही सेवानिवृत हो गए हैं और कुंठा से भरे हुए हैं । एक और व्याख्याता से प्राचार्य पद के आदेश हो गए सहायक शिक्षक से शिक्षक के उच्च पद प्रभार के आदेश हो गए। लेकिन बेचारे उच्च श्रेणी शिक्षक और माध्यमिक शिक्षकों के प्रभार के आदेश आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी नहीं किए गए कुछ दिन पहले आयुक्त महोदय ने संयुक्त संचालक महोदय को सहायक शिक्षक के उच्च पद प्रभार आदेश में हो रही देरी के लिए फटकार लगाई । लेकिन खुद के दिया तले अंधेरा है।आयुक्त कार्यालय से साल भर में भी जारी नहीं कर पाए । प्रदेश भर के शिक्षकों ने अपने-अपने संघ प्रमुखों से कई बार अनुनय विनय की लेकिन ना संगठनों ने ईश्वर ध्यान दिया और ना ही वरिष्ठ अधिकारियों के कान पर जूं रेंगी। इसका असर यह हुआ कि जिन शिक्षकों के चयनित सूची में नाम है वह ना अपने वर्तमान संस्था में पूरे मन से अध्यापन कर पा रहे हैं ना उनके आदेश हो रहे हैं । साथ ही हायर सेकेंडरी विद्यालयों में जीन रिक्त पदों पर इन शिक्षकों ने चयन किया है वहां के अतिथि शिक्षकों के मन में भी एक भय का वातावरण है की कभी भी उच्च पद प्रभार वाले के ज्वाइन करने पर हमें हटना पड़ेगा इसलिए वे भी पूरे मन से अध्यापन कार्य नहीं कर पाए हैं । इसका प्रभाव छात्र-छात्राओं के भविष्य पर पड़ा है जो 10वी, 12वी के इस वर्ष के परीक्षा परिणाम मे भी दिखा है। यदि इस सत्र में भी शीघ्र ही आदेश नहीं होते हैं तो इसका विपरीत प्रभाव परीक्षा परिणाम पर अवश्य संभावित है।प्रमिड तिवारी शीघ्र ही इन सब मांगो को लेकर विभागीय मंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे और उपरोक्त मांगो के निराकरण की बात मंत्री जी के समक्ष रखेंगे।