गुरुनानक जयंती कार्तिक पूर्णिमा पर गायत्री परिवार के शताब्दी वर्ष श्रृंखला के अंतर्गत तीन स्थानों पर यज्ञीय आयोजन संपन्न



अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में गायत्री शक्तिपीठ भोपाल एवं गायत्री प्रज्ञापीठ बरखेड़ा के सहयोग से गायत्री परिवार कोलार शाखा द्वारा 9 कुंडी गायत्री महायज्ञ साईनाथ ए सेक्टर में संपन्न हुआ जिसमें साईनाथ नगर एवं कोलार की विभिन्न कॉलोनी से पधारे लोगों परिजनों ने गायत्री महायज्ञ में भाग लिया मातृशक्ति संवर्धन के रूप में यह यज्ञ संपन्न हुआ सभी का कल्याण एवं सुख समृद्धि की भावना के साथ यज्ञ में परिजनों ने आहुतियां दी गायत्री महायज्ञ का संचालन गायत्री प्रज्ञा पीठ पीठ की टोली ने किया गायत्री प्रज्ञा पीठ से पधारे श्री सुरेश श्रीवास्तव जी ने यज्ञ की व्याख्या करते हुए बताया कि यज्ञ से वातावरण तो शुद्ध होता ही है साथ में व्यक्ति के विचार भी शुद्ध होते हैं आज विचार कलुषित होने से मनुष्य में पापाचार कर की प्रवृती पनपी है है इस प्रवृत्ति को खत्म करने के लिए परम पूज्य गुरुदेव ने 3200 किताबें लिखी है जिसमें अखंड ज्योति पत्रिका निरंतर 85वर्षों से ज्ञान का प्रकाश फैला रही है श्री नगलेजी एवं मुकेश साहू जी ने प्रज्ञा गीतों के माध्यम से समा बांधा दिया इसके पूर्व दिनांक 4 नवंबर को कलश यात्रा निकाली गई और दीप यज्ञ संपन्न हुआ दिव्यज्ञ श्री आरती हजारी जी ने संपन्न करवाया नो कुंडी गायत्री महायज्ञ में विभिन्न संस्कार की संपन्न हुए आज दिनांक 5 नवंबर को मीनल में भी पंच कुंडी गायत्री महायज्ञ संपन्न हुआ जिसको शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे श्री आंबेकर जी ने संपन्न करवाया यह यज्ञ वर्ष भर पूर्णिमा के दिन संपन्न होने वाले एक कुंडी गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति के रूप में संपन्न किया गया जिसमें मीनल के लोगों ने जनकल्याण एवं सभी को सद्बुद्धि मिले सभी का कल्याण हो वातावरण का परी शोध हो इस भाव से पंच कुंडी गायत्री महायज्ञ में अपनी अपनी आहुतियां समर्पित
तीसरा आयोजन प्राइवेट बिजली नगर कॉलोनी दुर्गा मंदिर गोविंदपुरा भोपाल में प्रत्येक पूर्णिमा पर दीप यज्ञ की श्रृंखला के अंतर्गत आज कार्तिक पूर्णिमा पर दीप महायज्ञ संपन्न हुआ। गुरुनानक जयंती एवं कार्तिक पूर्णिमा पर गायत्री परिवार के शताब्दी वर्ष श्रंखला के अंतर्गत तीन स्थानों पर यज्ञ आयोजन संपन्न हुए।
उद्देश्य सत्य प्रवृत्तियों के संवर्धन एवं दुष्प्रवृत्तियों के उन्मूलन के उद्देश्य से संपन्न इन आयोजनों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सहभागिता की। सभी ने गायत्री मंत्र एवं अन्य वैदिक मंत्रों की आहुतियां अर्पित करते हुए सर्वजन कल्याण और विश्व शांति की प्रार्थना की।
कार्यक्रम का वातावरण वेद-मंत्रों की दिव्य ध्वनियों से गूंज उठा, जिससे समूचे परिसर में आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार हुआ।।


