खबरमध्य प्रदेश

पूर्ण महाकुंभ के महापावन अवसर पर डीएसपी म्यूचुअल फंड, डेन्सु क्रिएटिव वेबचटनी और फाल्को रोबोटिक्स की संयुक्त पहल, ताकि भीड़ में खोये बच्चे मिल सके वापस अपने परिवार से जनहित में अभूतपूर्व पहल ‘गरुड़ रक्षक’ …

मुंबई, 24 जनवरी, 2025: हिन्दुओं का महापर्व पूर्ण महाकुंभ शुरू हो गया है. इस बार का पूर्ण महाकुंभ बेहद खास है, क्योंकि इस तरह का आयोजन 12 चक्रों के बाद, 144 साल में एक बार होता है. इस पूर्ण महाकुंभ में रिकॉर्ड संख्या में लगभग 40 करोड़ भक्तों की भीड़ उमड़ने वाली है. यानी धरती पर सबसे बड़ा मानव समागम. परंतु इस असाधारण महोत्सव के बीच लोगों को एक गंभीर चिंता सताती आयी है. बड़ी संख्या में बच्चों के अपने परिवार से बिछड़ने की चिंता. बीते महाकुंभों में 250,000 से अधिक लोग गुम हो चुके हैं. इनमें बड़ी तादाद में बच्चे भी थे, जो बाद में शोषण के शिकार भी हुए या हमेशा के लिए अपने परिवार से बिछड़ भी गए.
यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण भी है और एक हकीकत भी. इससे बचने के लिए ‘गरुड़ रक्षक’ की शुरुआत की गई. इसमें डीएसपी म्यूचुअल फंड की फाल्को रोबोटिक्स और डेन्सु क्रिएटिव वेबचटनी से अहम साझेदारी हुई है. ‘गरुड़’ खोज और बचाव का एक बेमिसाल ऑफ़लाइन तंत्र है जो ड्रोन की मदद से काम करता है. इसलिए नेटवर्क की समस्या नहीं रहेगी और बच्चों को कम समय में उनके परिवारों से मिलाना मुमकिन होगा. यह नाम पौराणिक पक्षी गरुड़ से लिया गया है जो सुरक्षा और सतर्कता का प्रतीक है. ‘गरुड़ रक्षक’ आकाश में मौजूद रह कर बच्चों का रखवाला बना रहेगा.
इसमें 1970 के दशक की नौसेना दिशा निर्धारण तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. निम्न आवृति वाले रेडियो बैण्ड् का प्रयोग करता है, ताकि लंबी दूरी तक संपर्क किया जा सके और उपग्रहों द्वारा सटीक निरीक्षण किया जा सके और वो भी कम से कम मूलभूत सुविधाओं के माध्यम से.
किसी बच्चे के गुम हो जाने पर अभिभावक गुमशुदा तलाश केंद्र जा कर अपनी आईडी टैप करेंगे और ‘गरुड़ रक्षक तंत्र’ तुरंत सक्रिय हो जाएगा. बच्चे के कलाई से बंधा बैंड से प्राप्त समयोचित जियो-डेटा की मदद से ड्रोन अपना काम शुरू कर देगा और चंद मिनट में ही बच्चे के मौजूद होने की जगह दिखा देगा. यह ऊंचे आसमान में एक रंग – बिरंगा निशान लगाएगा जो बढ़ाया-घटाया जा सकता है. यह बचाव दल को भीड़ में रास्ता दिखाएगा. साथ ही मौक़े पर मौजूद बचाव दल को बच्चे की जानकारी भी भेजता रहेगा. नए दौर की ये तकनीक,, भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में भी तेज़, रूकावटों से परे और भरोसेमंद साधन है.
डीएसपी एसेट मैनेजर्स के मार्केटिंग हेड अभिक सान्याल ने कहा, ‘‘डीएसपी म्यूचुअल फंड का उद्देश्य सिर्फ़ आपको वित्तीय लाभ पहुंचाना ही नहीं, आपका जीवन बेहतर बनाना भी है, जिससे लोगो में खुशहाली और उम्मीद जागे. ‘गरुड़ रक्षक’ जैसे अनुसन्धान के साथ खड़े होकर के हम अपने उस विश्वास को ही दर्शा रहे है, जो कहता है आधुनिक समस्याओं का समाधान हमारे सदियों के ज्ञान में ही छुपा है. उम्मीद की ये किरण सीधे दिल से निकलती है. इसके ज़रिए डीएसपी बेहतर निवेश की अपनी प्रदिबद्धता को भी दर्शा रहा है. सही मायने में अपनों की सुरक्षा, प्यार और मुस्कुराहट से बड़ा लाभ हो भी क्या सकता है.
भारत में डेन्सु क्रिएटिव के चीफ इनोवेशन ऑफिसर गुरबख्श सिंह ने कहा, ‘‘हम इंटरनेट के दौर में एक कदम पीछे आ कर अतीत से प्रेरणा ले रहे हैं और हमने इसमें नए दौर का ड्रोन स्वचालन प्रणाली को शामिल किया है. ये न सिर्फ बिछड़े बच्चों की जान बचाएगा, बल्कि उनके परिवार को सबसे मुश्किल घड़ी में आशा और भरोसा भी देगा. यह परियोजना इस बात का प्रतीक है कि यदि लोगों की संवेदना समझने और उन्हें सुरक्षित रखने की प्रबल भावना हो तो आधुनिक तकनीक में दुनिया को सकारात्मक रूप से बदलने की भी ताकत है”.
फाल्को रोबोटिक्स के सीईओ विशाल दीक्षित ने बताया, ‘‘’गरुड़ रक्षक’ के ऑफ़लाइन दिशा निर्देशक प्रणाली में ड्रोन तकनीक जोड़ कर हमें वाकई एक बेहतरीन समाधान मिला है. इसमें महाकुंभ जैसे अपार भीड़ वाले आयोजनों की चुनौतियों से भी निपटने की अद्भुत क्षमता है. हमें विश्वास है कि इससे काफी फर्क पड़ेगा.
‘गरुड़ रक्षक’ में मनुष्य का ज्ञान और तकनीक का बेजोड़ संगम है. यह खोज और बचाव कार्य में अभूतपूर्व और अविष्कारिक नया रास्ता खोल रहा है. ‘गरुड़’ अपनी हर उड़ान के साथ बिछड़े हुए लोगों को परिवार से मिलाएगा.”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button