खबरमध्य प्रदेश

श्रीकृष्ण पर्व के पहले दिन कलाकारों ने श्रीकृष्ण जन्म प्रसंग से गोपी उलाहना तक के प्रसंग मंच पर प्रस्तुत किये

मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में 23 से 25 अगस्‍त तक तीन दिवसीय आयोजन

भोपाल। मध्‍यप्रदेश शासन, संस्‍कृति विभाग द्वारा श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी के पवित्र अवसर पर भोपाल सहित मध्‍यप्रदेश के 14 स्‍थानों पर श्रीकृष्‍ण पर्व का आयोजन किया जा रहा है। इस क्रम में मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में 23 से 25 अगस्‍त, 2024 को सायं 7 बजे से श्रीकृष्‍ण पर्व का आयोजन किया गया है, जिसमें पहले दिन 23 अगस्‍त को श्री ऋषि विश्‍वकर्मा एवं साथी, सागर ने लोकगायन पेश किया। उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत श्रीकृष्ण जन्म (बधाई गीत) से की। इसके बाद मांगत चन्द्र खिलौना (बाललीला गीत)… और श्रीकृष्ण लीला गीत… पेश कर श्रोताओं को भक्ति रस में डूबो दिया। इसके बाद श्रीकृष्ण विवाह गीत…, श्रीराधा रानी-श्रीकृष्ण की होली (राई गीत)… सहित अन्य कई भजन-गीतों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की शुरूआत कलाकारों के दीप प्रज्ज्वलन एवं स्वगात से हुई।

अगले क्रम में सुश्री वंदना श्री एवं साथी, मथुरा द्वारा रासलीला अंतर्गत 25 कलाकारों ने 1.45 मिनट की प्रस्तुति में भगवान श्रीकृष्ण की 7 अलौकिक लीलाओं का मंचन किया। इस दौरान बाल लीला में बताया कि श्रीकृष्ण के जन्म के समय धरा पर आनंद छा गया। इस लीला में भगवान के विष्णु से श्रीकृष्ण के रूप में प्रकृट होने तक 5 स्वरूपों का वर्णन किया गया। इसके पश्चात बाल लीला में दिखाया गया कि श्रीकृष्ण बाल रूप में अपने ही घर में माखन चुरा रहे हैं। घुटनों के बल कमरे में प्रवेश करते हैं जहां माखन रखा है और वहां रखी मटकी से माखन निकाल के खाने लगते हैं। आनंदित होकर माखन खा रहे थे तभी मइया यशोदा अचानक से आ गईं और श्रीकृष्ण से पूछ लिया कि “तुम यहां क्या कर रहे हो और श्रीकृष्ण की चोरी पकड़ी जाती है। इसी तरह गोपी उलाहना लीला प्रसंग में गोपी और श्रीकृष्ण के बीच हो रहे संवाद एवं नंद के घर हो रहे उत्सव का चित्रण किया। इसके पश्चात , ओखल लीला, रास लीला और गोवर्धन लीला प्रसंगों का मंचन किया गया। पर्व में 24 अगस्‍त को सुश्री वंदना श्री एवं साथी, मथुरा द्वारा रासलीला एवं लो‍कप्रिय माधवास रॉक बैण्‍ड द्वारा भजन गायन की प्रस्‍तुति दी जायेगी। समापन दिवस 25 अगस्‍त को श्रीकृष्‍ण गायन – श्री शुभम यादव एवं साथी, भोपाल एवं रासलीला की प्रस्‍तुति सुश्री वंदना श्री एवं साथी, मथुरा द्वारा दी जायेगी।

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