जो श्रीकृष्ण जैसे सभी से गुण रूपी माखन चुराता है वह उनके जैसा सोलह कला सम्पूर्ण बन जाता है – बी के किरण

श्री कृष्ण सभी को प्यारे लगते हैं, क्योंकि वे सभी के प्रति पवित्र दृष्टि और शुभ भाव रखते हैं। वे किसी के अवगुण नहीं देखते, बल्कि सभी में छिपे गुणों में ही उनकी नज़र जाती है। इसलिए ही श्रीकृष्ण जी को माखन चोर कहते हैं। उक्त विचार श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के अवसर पर ब्रह्मा कुमारीज़ कोलार शाखा प्रभारी बी के किरण ने व्यक्त किए। आगे उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण जी के नाम संज्ञावाचक नहीं है, बल्कि हर नाम उनके गुण व दिव्य कर्तव्यों का परिचय देते हैं। इस अवसर पर श्री राधे कृष्ण की मनोरम झांकी लगाई गई एवं बाल कलाकारों द्वारा श्री कृष्ण लीला का मंचन किया गया। काम, क्रोध, लोभ, मोह , अहंकार रूपी पांच फनों वाले सर्प पर विजय प्राप्त करके ही कलियुग तमोप्रधान सृष्टि रूपी गेंद को उबारा और सतयुगी संसार लाया, श्रीकृष्ण के कालीदाह लीला का यही आध्यात्मिक अर्थ है। बी के किरण ने सभी को यह रहस्य बताते हुए आव्हान किया की आईए हम इस कालिकाल में इन विकारों का त्याग कर सतयुगी संसार लाने में श्रीकृष्ण जी का अनुसरण करें।