सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर (स्वशासी) महाविद्यालय शिवाजी नगर, भोपाल में राष्ट्रीय षिक्षानीति 2020 के अंतर्गत उच्च षिक्षा विभाग मध्यप्रदेष शासन द्वारा अघ्यादेष

क्रंमाक-14-1, 14-2 पर अधारित संभाग स्तरीय कार्यषाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय में माननीय मंत्री जी उच्च षिक्षा, तकनीकि षिक्षा, आयुष विभाग श्री इन्दर ंिसंह परमार जी, आयुक्त उच्च षिक्षा श्री प्रबल सिपाहा जी, क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक भोपाल संभाग श्री मथुरा प्रसाद जी, ओ.एस.डी उच्च षिक्षा श्री धीरेन्द्र शुक्ला जी ,पी एम श्री अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य श्री अनिल षिवानी जी, नई दिल्ली से पधारे जोनल समन्वयक श्री अभिनव षर्मा तथा विषय विषेषझ श्री अक्षय मंगतानी जी तथा महाविद्यालय की प्राचार्य डाॅ दीप्ति श्रीवास्तव उपस्थित रहें।
यह कार्यषाला अघ्यादेष क्रं- 14-1,14-2 के अनुसार स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं हेतु नवीन संरचनाओं पर अधारित रही। इस अवसर पर अपने अत्यंत सारगर्भित वक्तव्य में माननीय मंत्री जी ने कहा कि नवीन षिक्षा नीति 2020 में अधिक स्पष्टता लाने तथा समस्याओं के सतत् सकारात्मक समाधान लाने की दृृष्टि से इस कार्यषाला का आयोजन है। उन्होने नवाचार की दृृष्टि से कहा कि महाविद्यालय में प्रवेष के पूर्व ही 12वी के विद्यार्थियों को स्नातक के सभी विषय एवं पद्यतियों की जानकारी दी जायें तथा स्नातकोत्तर के पूर्व स्नातक स्तर पर ही विषय के बारे में समझाया जाये। हमारे प्रयासों का उदेष्य है कि नवीन षिक्षा नीति 2020 के आधार पर राज्य को देष का अग्रणी राज्य तथा विद्यार्थियों को सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी बनाया जाये। इस दृृष्टि से हमें नियोजित रूप से षोध अनुसंधान, भारतीय ज्ञान परम्परा तथा षत््-प्रतिषत अपार आईडी को महत्व देना होगा। उनके अनुसार अॅाफलाइन माध्यम सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। जिनसे षिक्षा के मंदिर आर्दष नागरिकों का निर्माण करते हैं। आयुक्त उच्च षिक्षा मध्यप्रदेष षासन श्री प्रबल सिपाहा जी ने कहा कि इस कार्यषाला का उदेष्य षिक्षा को नई दिषा देना ओर नवाचार के आधार पर विद्यार्थियों का सर्वागिंण विकास करना है। इस कार्यषाला के समापन पर जो निष्कर्ष होगें, उनके अनुसार नीति का निर्धारण किया जायेगा तथा फीडबैंक के आधार पर नई पाॅलिसी का निर्माण छात्र हित में होगा। क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक भोपाल संभाग श्री मथुरा प्रसाद जी ने कहा कि आज उच्च षिक्षा विभाग विकास के लिए नित नये नवाचार सुधार कर रहा है, इनमें शोध कार्य, प्रोजेक्ट, षैक्षणिक भ्रमण का विकास आदि हैं। उन्होंने अध्यादेष क्रं- 14-1, 14-2 को स्पष्ट करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को इसके माध्यम से षोधक्रेन्द्र द्वारा ष्षोधकार्य में सहायता मिल सकेगी।
उच्च षिक्षा से पधारे ओ.एस.डी धीरेन्द्र षुक्ला ने कहा कि हमारा उदेष्य है कि पूरे प्रदेष के पाठ्यक्रम में एकरूपता आ सके। इस अघ्यादेष के अधार पर प्रत्येक संभाग में कार्यषाला आयोजित करके छात्राओं को लाभांवित किया है, जिससे अध्यादेष 14-1, 14-2 की विषेषताओं से षिक्षकों एवं छात्राओं को अवगत कराया जा सके। उच्च षिक्षा की योजना है कि महाविद्यालय में छात्राओं के लाभ के लिए स्वंय पोर्टल, डिजी लाॅकर तथा अपार आईडी का प्रत्येक दिन 1 घण्टे का व्याख्यान होगा। महाविद्यालय की प्राचार्य डाॅ दीप्ति श्रीवास्तव ने इस अवसर पर सभी अतिथियों का स्वागत अभिनंदन करते हुए कहा कि महाविद्यालय में नवीन षिक्षा नीति 2020 के अनुसार ष्षोधअनुसंधान ष्षैक्षणिक भ्रमण तथा परियोजना कार्य को महत्व दिया जाता है भारतीय ज्ञान परम्परा पर पाठ््यक्रम आधारित छात्राओं के लाभार्थ आयोजन होते रहते है। उन्होंने कहा अध्यादेष 14-1,14-2 के अनुसार सक्षम समितियों की स्वीकृृति एवं अनुमोदन के पश्चात् महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर प्रथम वर्ष में सेमेस्टर लागू किया गया है।आज आयोजित संभागीय कार्यषाला के प्रथम सत्र में श्री धीरेन्द्र शुक्ला (ओ.एस.डी) उच्च षिक्षा संचालनालय भोपाल द्वारा नवीन षिक्षा नीति 2020 अध्यादेष 14(1) पर पीपीटी के माध्यम से व्याख्यान प्रस्तुत किया गया उनके द्वारा मुख्य रूप से अध्यादेष 14(1) की विषेषताओ को समझाते हुए यह अध्यादेष 14(1) से किस प्रकार भिन्न है यह भी समझाया गया। इस अध्यादेष में छात्र हित में प्रोन्नति हेतु आवयक न्यूनतम अंक में परिवर्तन कर 50 प्रतिषत से 35 प्रतिषत किया गया है। साथ ही प्राध्यपकों से छात्राओं के आनलाइन ैॅ।ल्।ड पोर्टल पर अधिक से अधिक पाठ््यक्रमों को पूर्ण करने हेतु प्रेात्साहित करने का निवेदन किया गया।
आगे के सत्र में उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश शासन से पधारे ओएसडी डाॅ धीरेंद्र शुक्ला जी ने अध्यादेश क्रमांक 14.(2) की महत्वपूर्ण विशेषताओं से अवगत कराया वास्तव में यह अध्यादेश स्नातकोत्तर स्तर पर शोध एवं अनुसंधान तथा रोजगार संबंधी योजनाओं को विद्यार्थियों के लिए प्रस्तुत करता है। छम्च् 2020 तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के क्रेडिट सिस्टम 2024 के आधार पर अनुभव कर देगा अध्यादेश पर 14(2) अध्यादेश का निर्माण हुआ तथा यह वर्तमान सत्र 2025-26 से विश्वविद्यालय महाविद्यालय में लागू है अध्यादेश के अनुसार 02 वर्षीय स्नातकोत्तर तथा 01 वर्षीय डिप्लोमा की सुविद्या है। संभाग के अनेक प्राध्यापकों ने विश्वविद्यालय में शोध मार्गदर्शन के लिए आवेदन दिए हैं विश्वविद्यालय द्वारा अभी तक उन्हें शोध मार्गदर्शन का नियुक्ति पत्र नहीं मिला है। कार्यशाला में मूल्यांकन पद्धति की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई साथ ही दो डिग्री पाठ्यक्रम की जानकारी दी गई।
कार्यशाला के तृतीय सत्र में डाॅ. रमन श्रीवास्तव द्वारा पी.पी.टी. के माध्यम से प्रस्तुत किया गया उनके द्वारा स्वयं पोर्टल तथा मूक्स के महत्व बताए गए। उनके द्वारा आनलाइन पाठ्यक्रमों के क्रेडिट ट्रांसफर को समझाते हुए स्वयं के लोकल चैप्टर की भूमिका स्पष्ट की। डाॅ रमन ने स्वयं के आनलाइन पाठ्यक्रमों में अधिकतर अधिक पंजीकरण का महत्व एवं पंजीकरण की कार्य नीति भी समझाई गई।
कार्यशाला के चतुर्थ सत्र को जोनल अधिकारी श्री अभिनव शर्मा एवं राज्य स्तरीय जोनल अधिकारी श्री मंगवानी द्वारा पीपीटी के माध्यम से दिया गया उन्होंने छम्च् डिजिलाॅकर, एबीसी, अपार, आईडी एवं छब्तथ् पोर्टल्स के बीच अंतर स्पष्ट किया गया। डीजी लाॅकर में जन्म प्रमाण पत्र से लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र तक सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस एवं षैक्षणिक प्रमाण पत्रों का संकलन किया जा सकता है। डिजिलाकर रियल टाइम स्टेटस में डाटा प्रदर्शित करता है। उन्होंने बताया कि आज दिनांक तक 32 करोड़ से अधिक अपार आईडी जेनरेट की जा चुकी है। महाविद्यालय यह सुनिश्चित करें कि सभी छात्राओं की अपार आईडी जेनरेट कर संबंधित विश्वविद्यालय को प्रेषित की जा चुकी है। श्री अभिनव शर्मा द्वारा अपार आईडी बनाने के लिए विभिन्न तरीके भी समझाएं गए, उन्होंने अपार आई.डी. के विभिन्न बहुआयामी अनुप्रयोग भी छात्राओं के हित में बताए। उमंग पोर्टल के विभिन्न उपयोग के संबंध में चर्चा की तथा एपीआई सेतु के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।