आउटसोर्सिंग संस्थाएं नहीं करती आरक्षण नियमों का पालन : कुशवाहा
भोपाल, समग्र पिछड़ा वर्ग सामाजिक संगठन मध्य प्रदेश के प्रदेश संयोजक राम विश्वास कुशवाहा ने राज्य सरकार से शासकीय विभागों में रिक्त पदों की पूर्ति आउटसोर्सिंग संस्थाओं के माध्यम से की जाने वाली प्रक्रिया को समाप्त करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि शासकीय, अशासकीय, निगम मंडल, बोर्ड ,परिषद, अकादमियों इत्यादि विभागों में आरक्षण के क्रियान्वयन में सबसे बड़ी बाधा आउटसोर्सिंग संस्थाएं हैं जो आरक्षण नियमों का पालन नहीं करती है।
श्री कुशवाहा ने कहा कि शासन के सभी विभागों में अधिकांश पद रिक्त हैं, स्वीकृत पदों के भर्ती की प्रक्रिया बाधित होने से जहां एक तरफ बेरोजगारी बढ़ रही है यहीं दूसरी तरफ शासकीय विभागों के महत्वपूर्ण कार्यों का निष्पादन प्रभावित हो रहे हैं।
श्री कुशवाहा ने कहा के निजी आउटसोर्सिंग संस्थाओं को संचालित करने वाली एजेंसियां मनमाने तरीके से अपनी संस्थानों में कार्मिकों को नियुक्त कर विभागों मे कार्मिक उपलब्ध कराती है, प्रायः देखा गया है कि अनेक निजी संस्थाएं आउटसोर्सिंग के माध्यम से एक -दो कर्मचारियों की सेवाएं उपलब्ध कराकर अधिक कार्मिकों का मानदेय शासकीय विभागों से प्राप्त कर रहे हैं जिसमें स्वास्थ्य कार्मिक, कंप्यूटर ऑपरेटर, सफाई कार्मिक, वाहन चालक, सुरक्षा कार्मिकों की संख्या ज्यादा है, निजी एजेंसियां ऐसे कार्मिकों से 8 घंटा से अधिक सेवाएं लेकर शान द्वारा निर्धारित मानदेय से कम भुगतान कर रही हैं ,जबकि संबंधित विभागों से उनके मद में श्रम विभाग , संभागायुक्त एवं जिला कलेक्टरों द्वारा निर्धारित मानदेय प्राप्त किए जाते हैं। श्री कुशवाहा ने आरक्षण के वास्तविक क्रियान्वयन हेतु आउटसोर्सिंग प्रथा को समाप्त करते हुए रिक्त पदों की पूर्ति आरक्षण रोस्टर के अनुपात में करने की अपील की है।